Chandra Grahan 2022: इस वर्ष 2022 में साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है। इसका प्रभाव भारत सहित अन्य प्रांतों पर पड़ने वाला है। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगेगा जिसका प्रभाव चर-अचर जगत पर पड़ने वाला है। इस बार ये चंद्र ग्रहण मंगलवार के दिन 8 नवंबर 2022 यानी देव दिवाली के दिन लगेगा। इस ग्रहण का असर भारत में दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

किन-किन जगहों पर दिखाई देगा ये चंद्र ग्रहण

ये चंद्र ग्रहण भारत समेत दक्षिणी/पूर्वी यूरोप, एशिया, पेसिफिक, अटलांटिक ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, और हिंद महासागर में दिखने वाला है। वहीं इसका प्रभाव दक्षिणी पूर्वी यूरोप, एशिया ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, पेसिफिक, हिंद महासागर और अटलांटिक में पड़ेगा।

क्या है सूतक काल का समय

हिंदी पंचांग के अनुसार सूतक काल चंद्र ग्रहण के शुरू होने के 9 घंटे बाद लगेगा। इस सूतक काल में मान्यताओं के अनुसार कई सारे नियमों को मनाना चाहिए। वरना इसका प्रभाव जीवन में बहुत गन्दा पड़ता है।

सूतक काल में भूल से भी न करें ये काम

  • कभी भी सूतक काल में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। अगर किसी काम की प्लानिंग पहले से है तो उसे टाल दें।
  • सूतक काल के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। इसका शरीर पर उल्टा प्रभाव पड़ता है।
  • सूतक काल के समय दातों में ब्रश करना या बालों में कंघी करना वर्जित है।
  • इस सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं जाना चाहिए। ये उनके लिए शुभ नहीं होता है।

चंद्र ग्रहण में राहु-केतु के प्रकोप से बचने के उपाय

राहु केतु का प्रभाव चंद्र ग्रहण के समय में बढ़ जाता है। इसका दुष्प्रभाव व्यक्ति पर पड़ने लगता है। इससे बचने के लिए व्यक्ति को चंद्र ग्रहण के समय कई सारे उपाय करने चाहिए। इससे राहु केतु का प्रकोप व्यक्ति पर नहीं पड़ता है। तो आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण के दिन कौन-से करें अचूक उपाय।

इस दिन करें गुरु मंत्र का जाप

व्यक्ति को चंद्र ग्रहण के दिन गुरु देव की आराधना करनी चाहिए। इनके आशीर्वाद से राहु-केतु आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इस दिन गुरु देव के इस सिद्ध मंत्र का जाप करें।

गुरु मंत्र: ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’का जाप करें.

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इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप

चंद्रग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। ये मंत्र बेहद प्रभावशाली है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति पर राहु और केतु का प्रभाव देखने नहीं मिलता है। इसलिए चंद्रग्रहण के समय इस मंत्र का जाप करें।

महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

राहु केतु के प्रकोप से बचने के लिए इस मंत्र का जाप करें।

चंद्र ग्रहण के समय राहु केतु का प्रकोप बढ़ जाता है। इस स्थिति में इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ये बेहद प्रभावशाली मंत्र है। इसके जाप से राहु एवं केतु का प्रकोप व्यक्ति को नहीं झेलना पड़ता है।

मंत्र: तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥

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मेरा नाम श्रीया श्री है। मैं पत्रकारिता अंतिम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे लिखना बेहद पसंद है। फिलहाल मैं डीएनपी न्यूज नेटवर्क में कंटेंट राइटर हूं। मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता है और इसलिए मैं हेल्थ पर आर्टिकल्स लिखती हूं। इसके अलावा मैं धर्म, लाइफस्टाइल, एस्ट्रोलॉजी और एजुकेशन के विषय में भी आर्टिकल लिखती हूं।

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