इस साल भारत का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगने वाला है जो बहुत ही नजदीक है। यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से लगेगा क्योंकि चंद्रमा का आधा से ज्यादा भाग इसकी परछाई को ढक लेगा और इसका आकार रिंग ऑफ फायर जैसा होगा। यह इस साल का दूसरा ग्रहण है इससे पहले 26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा था और अब यह दूसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण के रूप में लग रहा है। सूर्य ग्रहण 2021

अमेरिका में यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से दिखाई देगा। सबसे सुंदर नजारा देखने को मिलेगा रूस और कनाडा में। इसका सबसे कम हिस्सा भारत में दिखाई देगा। स्कॉट लैंड में लगभग 40 फीसदी सूरज ढाका हुआ नज़र आएगा और पूर्वी देशों में यह 30 फीसदी तक ही ढका दिखाई देगा जिससे इसका 70 फीसदी भाग दिखाई देगा।

वाशिंगटन में यह सूर्य ना के बराबर ही दिखाई देगा क्योंकि इसका 97 परसेंट भाग ढक जाएगा। सूरज की आकृति बिल्कुल एक छोटी सी अंगूठी के बराबर दिखाई देगी। सूर्य ग्रहण 2021

( सूर्य ग्रहण का प्रभाव ) सूर्य ग्रहण लगने को “रिंग ऑफ फायर” घटना कहा जाता है जब सूर्य ग्रहण लगता है तो यह एक बड़े आकार का दिखाई देता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा गुजरता है तो सूर्य का अधिकांश भाग चंद्रमा के पीछे छिप जाता है और इससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं आ पाता है जिससे सूर्य ग्रहण होता है। खगोलीय शास्त्र के अनुसार इसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है।

यह सूर्य ग्रहण भारत में ना के बराबर ही दिखाई देगा या फिर यह समझ लीजिए कि भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए क्योंकि सूर्य ग्रहण लगने के दौरान सारे शुभ काम बंद कर दिए जाते हैं और मंदिरों के गेट भी बंद कर दिए जाते हैं इसलिए इस बार मंदिरों के द्वार खुले रहेंगे और सूतक काल भी मान्य नहीं होगा क्योंकि सूर्य भारत में दिखाई ही नहीं देगा। “रिंग ऑफ फायर”

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