भूमि संसाधन विभाग दो साल के अंतराल के बाद राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन पहले होना था लेकिन कोविड की वजह से आयोजन में देरी होती रही। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, गिरिराज सिंह ने बड़ा कदम उठाते हुए कहा कि अब देशभर का लैंड रिकॉर्ड डिजिटल होगा। इसके साथ ही आधार के तर्ज पर सभी लैंड होल्डिंग के लिए एक यूनिक आईडी होगी। जिसको बैंक और कोर्ट से भी जोड़ा जाएगा। जरूरत पड़ी तो उस भूमि की कोई देनदारी या विवाद तो नहीं है इसका पता चल जाएगा।

 25 लाख से अधिक दस्तावेजों का रजिस्ट्रीकरण


डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम और स्वामित्व योजना के तहत वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन को आगे बढ़ाने का काम किया गया। आयोजन में कलेक्शन ऑफ रिकॉर्ड, सेंट्रलाइजेशन ऑफ रिकॉर्ड, कॉन्विनियन्स फॉर पीपुल के थीम पर राज्यों से आए प्रतिनिधि शामिल थे। बता दें कि इस प्रणाली का यूज करके 25 लाख से अधिक दस्तावेजों का रजिस्ट्रीकरण किया जा चुका है। पहले ये देखा जाता था कि संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए उसे विभिन्न कार्यालयों के 8 से 9 बार चक्कर लगाने पड़ते थे। हालांकि अब दो बार दफ्तर जाने से ही काम हो जाता है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अब तक गांव वाली आबादी में 94 फीसदी रजिस्ट्री कार्यालय ऑनलाइन हो चुकी है।

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योजना के तहत कुल 656190 गांवों में से 600811 गांवों में भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण पूरा कर लिया गया है। वहीं शहरों में यह काम दोगुनी स्पीड से चल रहा है।बता दें कि कार्यशाला का उद्घाटन ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, गिरिराज सिंह, माननीय इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, फग्गन सिंह कुलस्ते के विशेष अतिथि के रूप में, साध्वी निरंजन ज्योति ने किया। इसके अलावा वहां अतिथि के तौर पर ग्रामीण विकास राज्य मंत्री और  पंचायती राज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल भी मौजूद रहे। 

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