भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में सांप्रदायिकता का जहर घोलने वाली ताकतें सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश में लगी हैं। जहां एक तरफ मथुरा के नंदबाबा मंदिर में मुस्लिम युवकों के नमाज पढ़ने को लेकर संत समाज में भारी आक्रोश है और ये मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस ने आरोपी दोनों युवकों मोहम्मद चांद और फैजल को जेल भेज दिया है। तो वहीं अब मथुरा की ही एक मस्जिद में मंगलवार को चार युवकों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने आनन-फानन में हनुमान चालीसा पढ़ने वाले युवकों को गिरफ्तार किया। मामला थाना गोवर्धन क्षेत्र की मस्जिद का है। मंगलवार सुबह किए गए इस हनुमान चालीसा पाठ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस एक्शन में आई और तत्काल चारों युवकों को हिरासत में ले लिया। बाद में युवकों का शांतिभंग की धाराओं में चालान कर जेल भेज दिया गया।

मंदिर में नमाज, मस्जिद में चालीसा क्यों ?

एसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया कि मथुरा जिला हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के प्रतीक के रूप में जाना जाता है… और ऐसे में किसी भी समुदाय के व्यक्तियों को अमन की फिजा को बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी… और ऐसे कार्य करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी…ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने वाले युवकों के नाम सौरभ लंबरदार, राघव मित्तल, कान्हा और कृष्णा ठाकुर हैं। ये सभी गोवर्धन इलाके में ही रहते हैं। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी तरह की कोई तहरीर नहीं दी गई है लेकिन सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने के बाद चारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बाद में पुलिस ने इनका शांतिभंग की धारा में चालान कर दिया। आरोपियों का कहना है कि वे भाईचारा बढ़ाने के लिए मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने गए थे।

युवकों के सौहार्द का दावा फरेब था?

अब आरोपी भले ही ये कह रहे हों कि भाईचारा बढ़ाने के लिए उन्होने मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ी है। लेकिन जिस तरह से पहले 2 मुस्लिम युवकों ने मंदिर में नमाज पढ़ी और अब मस्जिद में हनुमान चालीसा का पाठ हुआ इससे तो यही लगता है कि कहीं न कहीं सांप्रदायिक दाकतें प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश में लगी हैं।

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