एक साल से ज्यादा समय तक दिल्ली की सीमाओं पर हर मौसम की मार झेलते हुए किसानों ने आखिर मोदी सरकार को झुका दिया और तीनों कृषि कानून वापस करवा दिए। कानूनों की वापसी होते ही किसान अपने घरों को लौट चुके हैं। लेकिन कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक ऐसा बयान दे दिया है। जिससे कयास लगने लगे हैं कि, क्या फिर से कृषि कानूनों की वापसी होने जा रही है।
कृषि मंत्री ने महाराष्ट्र के नागपुर में कहा, हम कृषि संशोधन क़ानून लेकर आए थे। कुछ लोगों ने इसे पसंद नहीं किया। यह आज़ादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बहुत बड़ा सुधार था। इसके आगे कृषि मंत्री ने कहा, लेकिन सरकार निराश नहीं है। हम एक कदम पीछे हट गए थे, हम फिर आगे बढेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर कृषि उद्योग प्रदर्शनी ‘एग्रोविजन’ के उद्घाटन के मौके पर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंन ये बयान दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, मंत्री ने कहा, ‘एक क्षेत्र जहां सबसे कम निवेश हुआ है, वह कृषि क्षेत्र है।
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तोमर ने कहा कि निजी निवेश अन्य क्षेत्रों में आया जिससे रोजगार पैदा हुए और सकल घरेलू उत्पाद में इन उद्योगों का योगदान बढ़ा। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि इस क्षेत्र में मौजूदा निवेश से व्यापारियों को फायदा होता है न कि किसानों को। कृषि मंत्री की तरफ से दिया गया बयान अब मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
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