किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुरखीरी में किसानो को गाड़ी से कुचलने और गोली चलाकर मारने के आरोप में बीजेपी के मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा को जेल से रिहाकर कर दिया गया है। वह 129 दिन बाद जेल से बाहर आया है। आशीष मिश्रा की रिहाई को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दुखद बताया है। उन्होंने कहा कि देश और समाज के लिए ये अच्छा नहीं है। टिकैत ने कहा कि हर कोई इसे देख रहा है। वह आज जेल से बाहर निकलेगा और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को लखीमपुर में चार किसानों की मौत के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के जमानत आदेश में सुधार किया. इससे आशीष की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। इस दौरान उस पर कुछ मामले चल रहे थे। लकिन अब इन सभी मामलों से उसे रिहाई मिल गई है। जेल प्रशासन ने दोपहर में रिहाई आदेश प्राप्त होने के बाद जमानती कार्यवाही शुरू की, जिसके बाद देर शाम आशीष मिश्रा और मोनू को तीन तीन लाख के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
आपको बता दें, लखीमपुर खीरी कांड की जांच एसआईटी के हवाले है। जांच में पाया गया था कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी। एसआईटी ने 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आशीष मिश्रा को हत्या का आरोपी बताया गया था।
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लेकिन अब आशीष मिश्रा जेल से बाहर है। आशीष मिश्रा के जेल से बाहर आने पर किसानों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही विपक्ष भी भाजपा पर हमलावर हो गया है।
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