केंद्र सरकार ने आज अर्थशास्त्री के वी अनंत नागेश्वर को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त कर दिया है। क्रेडिट सुईस ग्रुप एजी और जूलियस बेयर ग्रुप के साथ काम कर चुके और शिक्षा क्षेत्र से भी जुड़े नागेश्वर अब के वी सुब्रमण्यम की जगह लेंगे। जिन्होंने अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद दिसंबर 2021 में सीईए का पद छोड़ दिया।

बता दें कि डॉ नागेश्वर का शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा नाम है। उन्होंने भारत और सिंगापुर में कई बिजनेस स्कूल में प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है।और बड़े पैमाने पर प्रकाशित किया है। बता दें कि भी अनंत नागेश्वर IFMR ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनस के डीन और Krea विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर थे। वह 2019 से 2021 तक भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं।

इनके एजुकेशन की बात करें तो इन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है। एमहर्स्ट में मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है।

आपको बता दें कि भी अनंत नागेश्वरण को मुख्य आर्थिक सलाहकार उस वक्त बनाया गया है, जब 31 जनवरी 2022 से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है और पहले ही दिन इकोनामिक सर्वे पेश किया जाता है। जिसे तैयार करने की जिम्मेदारी मुख्य आर्थिक सलाहकार की होती है। आर्थिक सर्वेक्षण या इकोनामिक सर्वे देश के आर्थिक विकास की जानकारी देने वाला सालाना लेखा-जोखा होता है।

आर्थिक सर्वेक्षण में पिछले 1 साल में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट शामिल की जाती है। जिसमें प्रमुख चुनौतियों और योजनाओं का जिक्र होता है। साथ ही यह भी बताया जाता है कि इन तमाम चुनौतियों को पूरा करने में देश कितना सफल रहा। आर्थिक सर्वेक्षण यह जानकारी भी देता है कि छोटी और मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं।

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