पटना: कोरोना संकट और बाढ़ की मार से जूझ रहे बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में बिहार के कई पार्टियों ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिख कर चुनाव फिलहाल के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया है। प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है वही बिहार के लगभग 15 जिले बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित है। 50 लाख से ज्यादा आबादी पर बाढ़ की मार से बेहाल है। दरसल चुनाव आयोग ने बिहार में राजनीतिक दलों से मौजूदा स्थिति के मद्देनजर चुनाव कराने के बारे में सुझाव मांगे थे. जिसके जवाब में यह पत्र आयोग को सौंपा गया है। लेकिन इस पत्र की खास बात ये रही कि इसमें सत्ताधारी जदयू और बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने सुक्षाव भेजें हैं। वही एनडीए में सहयोगी लोजपा ने भी चुनाव टालने की पैरवी की है। आयोग को पत्र लिखने वाले दलों की माने तो राज्य में मौजूदा हालात बेहद चुनौतीपूर्ण है ऐसे में चुनाव कराना सही नही है।

बिहार में कुदरत की मार:
हर साल की भांती इस बार भी बिहार का बाढ़ की भयंकर मार झेल रहा है. गंडक, कोसी, बागमती, लालबकेया, बूढ़ी गंडक जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। 50 लाख लोगों पर बाढ़ की मार का प्रभाव है। वही कोरोना की रफ्तार का ब्रेक फेल हो चुका है। हाल के दिनों में प्रदेश के कई बड़े नेता भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। पिछले शनिवार को राज्य में कोरोना के रिकॉर्ड 3521 मामलें सामने आए, वही 14 मरीजों की मौत हो गई। पूरे राज्य की बात करें तो इस वक्त राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 54,508 है जिसमें 18,722 सक्रिय मामले हैं।’ साफ है प्रदेश में अभी हालात बद से बदतर है ऐसे में राज्य के दलों ने चुनाव टालने का फैसला लिया है। महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस और राजद ने पहले ही चुनाव स्थगित करने की मांग की थी वही भाजपा और जदयू का कहना है कि वे तैयार हैं और इसका फैसला उन्होंने चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है।

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