Bihar Liquor Ban: बिहार में अब शराब बंदी कानून तोड़ने वालों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित करने का काम शुरू कर दिया है। बिहार में अब शराब पीने और शराब बेचने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। यही वजह है कि बिहार सरकार अब शराब की व्यापार में लगे हुए लोगों को सरकारी योजनाओं से प्रतिबंधित करने की तैयारी में हैं। मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ऐसे लोगों पर और सख्ती करने की तैयारी कर रहा है। वही चुनाव लड़ने में भी प्रतिबंधित करने का विचार किया गया है।

विभागीय अधिकारियों से ली राय

मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्वाचन, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, पंचायती राज, परिवहन, सहकारिता सहित कई भागों के अधिकारियों की राय ली गई। इन सभी अधिकारियों से बैठक में ऐसी सरकारी योजनाओं की जानकारी ली गई जिनका लाभ लोगों को दिया जाता है। मद्य विशेष और उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 65 में यह प्रावधान है कि सरकार चाहे तो किसी भी धारा के तहत चार्जशीट या सजायाफ्ता के कई तरह की सुविधाओं और लाइसेंस हासिल करने आदि से वंचित कर सकती है।

शराबबंदी कानून

घर में अगर शराब बरामद होती है तो यह जानकारी देनी होगी कि घर में शराब कौन लाया? जानकारी ना देने पर संबंधित परिसर के मालिक को कम से कम 8 वर्ष की सजा दी जाएगी। नए कानून के तहत अगर घर में शराब बरामद की जाती है तो परिवार के सभी व्यस्क सदस्य को जेल भेजा जाएगा। इसमें बुजुर्ग और महिला भी शामिल है।

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बैठक में किया गया विचार विमर्श

सूत्रों के अनुसार विभिन्न मंत्रालय के आला अधिकारियों से जानकारी मांगी थी कि विभागीय नियमावली में किसी व्यक्ति के चार्जशीट या सजायाफ्ता हो जाने पर उसको किन किन सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है? इसी को ध्यान में रखते हुए बैठक में विचार विमर्श किया गया। विभागों से मिली जानकारी के आधार पर जल्द ही फाइनल ड्राफ्ट तैयार किए जाने की संभावना है। इसके बाद प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

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