जम्मू कश्मीर में आतंकी बौखलाएं हुए हैं। लगातार बीजेपी नेताओं को निशाना बना रहे हैं। आज जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने भाजपा सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी है। आतंकियों ने घटना को उस वक्त अंजाम दिया जब सरपंच सजाद अहमद अपने घर के बाहर थे। आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाते हुए अंधाधुंध फायरिंग कर दी। जिसमें सरपंच खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़े। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पिछले 48 घंटों में बीजेपी सरपंच पर यह दूसरा हमला है। पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा, सज्जाद खांडे सरपंच वुसु की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह कई सरपंचों के साथ वुसु के माइग्रेट कैंप में रह रहे थे। कैंप से आज ​​सुबह वह निकलकर अपने घर गए। घर से 20 मीटर की दूरी पर आतंकवादियों ने उन पर फायरिंग की जिससे उनकी मौत हो गई।

आतंकियों के निशाने पर नेता

पिछले 48 घंटे के अंदर दूसरे बीजेपी सरपंच पर आतंकियों ने हमला किया है। इससे पहले 4 अगस्त की शाम को काजीगुंड अखरान में आतंकियों ने बीजेपी पंच आरिफ अहमद पर हमला किया गया था। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जुलाई महीने में भी आतंकियों ने बीजेपी के बांदीपोरा जिलाध्यक्ष और उनके दो परिजनों की हत्या कर दी थी। इस घटना के एक महीने पहले अनंतनाग जिले में आतंकियों ने 8 जून को कश्मीरी पंडित सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी थी। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी।

आतंकियों की बौखलाहट

जम्हूरियत की मजबूती से आतंकी संगठनों में बौखलाहट है और वह घाटी का माहौल खराब करने और लोगों में खौफ पैदा करने के लिए लगातार साजिश रच रहे हैं। आतंकी तंजीमों के शीर्ष कमांडरों के सफाए और लगातार ध्वस्त हो रहे नेटवर्क से बौखलाए आतंकी नेताओं की हत्याओं करने पर आमादा हो गए हैं। कश्मीर घाटी में ज्यादातर सियासी हत्याएं चुनावी साल में हुई हैं लेकिन ऐसी आतंकी वारदातें अब बिना चुनाव के भी तेज हो गई हैं।

24 घंटे में 4 नेताओं ने छोड़ी BJP

दूसरी तरफ 370 हटने की पहली वर्षगांठ पर 24 घंटे के अंदर बीजेपी के चार नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में कुलगाम के देवसर निर्वाचन क्षेत्र के उपाध्यक्ष सूबेदार अहमद पद्दार, वारपोरा कुंड निर्वाचन क्षेत्र के अध्यक्ष निसार अहमद वानी और वारपोरा कुंड के हुसैन पल्ला शामिल हैं। इन तीनों ने कुलगाम की जनता के समक्ष इस्तीफे की घोषणा की। सबजार अहमद पाडर, निसार अहमद वानी और आशिक हुसैन पाला ने व्यक्तिगत कारणों से पार्टी छोड़ने का हवाला देते हुए कहा कि आज के बाद उनका बीजेपी से कोई नाता नहीं है। अगर उनके कारण किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो वे इसके लिए माफी चाहते हैं। साथ ही इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि, अपनी व्यस्तता के कारण वह बीजेपी की गतिविधियों को अंजाम देने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं, इसीलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है।

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