मोदी सरकान ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड को भारत में ही बनने की मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस योजना के तहत अगले 5-6 वर्षों में सेमीकंडक्टर के विनिर्माण में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान जताया गया है। मोदी सरकार के इस फैसले से माइक्रोचिप के डिजाइन, विनिर्माण, पैकिंग और परीक्षण में मदद मिलेगी। इसके साथ ही देश मजबूती से आगे बढ़ेगा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि, सरकार इस योजना के ज़रिए देश को इलेक्ट्रॉनिक हब के तौरे पर विकसित करना चाहती है, क्योंकि माक्रोचिप्स की कमी की वजह से उद्योगों के प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ता है। इसी असर को कम करते हुए देश के विकास के लिए सरकार की तरफ से ये कदम उठाया जा रहा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग देश बन गया है। सरकार के इस फैसले को तकनीक के क्षेत्र में भारत को मदद मिलेगी।

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अश्विनी वैष्णव  ने जानकारी देते हुए कहा कि, दुनिया में 20 प्रतिशत सेमीकंडक्टर डिज़ाइनर भारत के हैं। इसलिए अगले 2 साल में 20 यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य सरकार के द्वारा रखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि, इससे कई लोगों को रोजगार में मिलेगा और देश तकनीकी रूप में मजबूत होगा।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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