देश में फिलहाल पेट्रोल और डीजल के दाम इतनी तेज़ी से बढ़ रहें है कि आम जनता खाद्य तेल के दामों को पूरी तरह भूल गई। आपको बता दे कि पिछले कुछ महीनों में खाद्य तेल के दाम भी बहुत तेज़ी से बढ़े हैं। जिसे देखते हुए सरकार ने स्टॉक लिमिट तय कर दिया था, यह दाम इस त्योहारी सीजन में भी काबू में रहें इसलिए केंद्र सरकार आज राज्य सरकारों के साथ एक बहुत महत्वपूर्ण बैठक करेंगी।

केंद्र सरकार ने इसी महीने की शुरूआत में खाद्य तेल के दामों पर काबू पाने के लिए और देश की आम जनता को राहत प्रदान करने के लिए खाद्य तेल के निर्यातकों और आयातकों के अलावा बाकी सभी जिनमें खाद्य तेल और तिलहन के व्यापारी शामिल हैं उनके ऊपर 31 मार्च तक स्टॉक की सीमा तय कर दी थी। इस फ़ैसले और अपने स्टॉक होल्डिंग लिमिट ऑर्डर पर की गई कार्यवाही को लेकर केंद्र सरकार सोमवार को राज्य सरकारों के साथ मीटिंग करेंगी, बताया जा रहा है कि यह मीटिंग वर्चुअल तरीके से होगी।

स्टॉक लिमिट

आपको बता दे कि स्टॉक लिमिट के तहत सभी राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी क्षेत्र सीमा में खाद्य तेल का उपलब्ध स्टॉक और खपत के प्रतिरूप को ध्यान में रखकर खाद्य तेल और तिलहन के ऊपर स्टॉक लिमिट तय करनी होती हैं। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 25 अक्टूबर को मीटिंग करेगा, इसमें वह राज्यों से खाद्य के दामों पर स्टॉक लिमिट आदेश को लेकर की गई कार्यवाही पर समीक्षा करेगा।

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मंत्रालय ने कहा कि अक्सर त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों की मांग में खासा उछाल आता है, जिसकी वजह से इसके दाम अचानक से आसमान छूने लगते हैं। इसी चीज को रोकने के लिए यह बैठक की जा रही है, यह बैठक बहुत अहम होने वाली है। केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के दामों को बढ़ने से रोकने के लिए समय-समय पर बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिसके अंदर सूरजमुखी तेल, सोयाबीन तेल और पाम ऑयल के आयात शुल्क में की गई बड़ी कटौती शामिल हैं।

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