दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा किसानों ने आज देशभर में चक्का जाम किया। इस दौरान किसानों का चक्का जाम दोपहर 12 बजे शुरू हुआ, और तीन बजे तक किसानों का प्रदर्शन खत्म हो गया। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे 40 किसान संगठनों ने शनिवार को देशभर में चक्काजाम किया। राजस्थान-हरियाणा के बीच शाहजहांपुर बॉर्डर पर जाम लगा दिया गया। पंजाब में अमृतसर और मोहाली में किसान गाड़ियों को रोकने के लिए सड़कों पर बैठ गए उधर, जम्मू-पठानकोट हाईवे पर भी किसानों ने गाड़ियों की आवाजाही रोक दिया। वहीं दिल्ली पुलिस ने दिल्ली अभेद्य किले के रूप में तब्दील कर दिया। आसमान में जहां ड्रोन से निगरानी की जा रही थी। तो वहीं जमीन पर पुलिस ने जगह बैरीकेड़िंग कर किसानों को दिल्ली में घुसने के रोक दिया। किसानों ने पंजाब के अमृतसर में भी चक्का जाम किया।

शांतिपूर्ण खत्म हुआ चक्का जाम

वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि वो चहते हैं कि किसानों की जमीन पर कोई मल्टीनेशनल कंपनी कब्जा ना करे। इसके अलावा दिल्ली के ITO पर शहीदी पार्क में कुछ महिला किसान संगठनों की महिला पुलिस कर्मियों से नोकझोंक हुई। पुलिस ने महिलाओं को प्रदर्शन करने से रोक दिया। किसानों का चक्का जाम दिन में 12 बजे से शुरू हुआ यह दोपहर 3 बजे तक चला। किसान आंदोलन को 73 दिन हो चुके हैं। किसानों ने पूरे देश में चक्का जाम किया। छुटपुछ घटनाओं के अलावा शनिवार को किसानों प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। कांग्रेस समेत कई राजनीतिक संगठनों का भी किसानों को समर्थन मिला। हालांकि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की घटना से सबक लेते हुए पूरी दिल्ली की किलेबंदी की थी। इसलिए दिल्ली में किसान एंट्री नहीं कर सके। अब किसानों ने जिस तरह से पूरे देश में एकजुटता दिखाते हुए कृषि कानून का विरोध किया है। उससे केंद्र सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

आंदोलन भी जारी, सियासत भी

किसानों का आंदोलन भी जारी है और देश में सियासत भी, ना किसान कृषि कानूनों की वापसी तक हटने के मूड में हैं और ना ही सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के, इसी बीच किसान आंदोलन पर सरकार के तेवर कड़े हो गए हैं। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने किसान आंदोलन और कांगेस को घेरा है। केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि आंदोलन में किसान नहीं, कांग्रेसी हैं। विपक्ष और किसान जानता है कि कृषि कानून किसानों के पक्ष में हैं। लेकिन बेमुद्दा विपक्ष हल्ला कर रहा है लेकिन कृषि कानून में खोट नहीं गिना पा रहा। जहां सत्ताधारी बीजेपी कांग्रेस पर जमकर गरज रही है। वहीं बिहार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू भी किसान संगठनों को कांग्रेस से दूर रहने की सलाह दे रही है और उम्मीद जता रही है कि किसानों की शंकाओं का हल हो जाएगा। दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन में भले ही राहुल गांधी ना पहुंचे हो लेकिन ट्वीट के जरिए लगातार किसानों को समर्थन और सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी मोदी सरकार पर किसानों का हक छीनने का आरोप लगे हैं।

Share.
Exit mobile version