उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से यह कलाई लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे लेकिन, इन सभी अटकलों पर विराम उस वक्त लग गया जब यह खबर सामने आई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से विपक्ष को ललकारेंगे।

अब इसके बाद राम मंदिर के मुख्य पुरोहित आचार्य सत्येंद्र दास की प्रतिक्रिया इस पर सामने आई है उन्होंने कहा है कि अच्छा हुआ योगी आदित्यनाथ यहां से चुनाव नहीं लड़े वरना उन्हें जबर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ता। सत्येंद्र दास ने दावा किया कि उन्होंने रामलला से पूछकर योगी को सलाह दी थी कि वह आयोध्या के बजाय गोरखपुर से ही चुनाव लड़े।

पिछले 30 सालों से राम मंदिर के मुख्य पुरोहित का दायित्व निभा रहे सत्येंद्र दास ने कहा की वो महसूस करते हैं कि बीजेपी राम मंदिर को कभी अपने एजेंडे से बाहर नहीं निकालेगी।

एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए दस ने अपनी राय जाहिर की है। उनसे जब यह सवाल पूछा गया कि उन्होंने योगी को अयोध्या से चुनाव ना लड़ने की सलाह क्यों दी, तब दास ने कहा हम तो राम लल्ला से पूछकर बोलते हैं। हम राम लला की प्रेरणा से बोले थे। यहां के साधू एकमत नहीं है विकास परियोजनाओं के लिए जिन लोगों के मकान तोड़े गए हैं वह सब योगी के खिलाफ हैं।

योगी को विरोध का सामना करना पड़ता।इसके अलावा जिन लोगों की दुकानें तोड़ी जानी है वह सब भी सीएम योगी से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि सभी कह रहे हैं कि यह योगी का काम है। इतना विरोध देखने के बाद मैंने योगी जी से कहा कि बेहतर होगा कि वह गोरखपुर से चुनाव लड़े। आगे दास ने कहा कि वैसे योगी यहां से चुनाव जीत जाते लेकिन उन्हें समस्याओं का काफी सामना करना पड़ता।

जब उनसे यह पूछा गया कि भाजपा के एजेंडे में राम मंदिर कब तक रहेगा। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में हो रहे राम मंदिर का मामला कभी नहीं जाएगा।

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