महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना गठबंधन की तरह गोवा विधानसभा चुनाव में अब तीनों पार्टियों के बीच गठबंधन होने की उम्मीद खत्म होती नजर आ रही है। गोवा में पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2017 में हुआ था 15 मार्च को विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने वाला है। पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। लेकिन उनकी सरकार नहीं बन सकी थी।

मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला
अब तीनों पार्टियों के गठबंधन होने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है। इसके लिए एनसीपी और शिवसेना ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि एनएसपी और शिवसेना गोवा में साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला कर रहे थे। गठबंधन ना होने को लेकर एसपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि कांग्रेस को संयुक्त रूप से गोवा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन वह सब बेकार रहा।

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कांग्रेस की अच्छी स्थिति
दूसरी तरफ महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने गठबंधन को लेकर कहा कि गठबंधन पर फैसला आलाकमान लेता है। इसमें महाराष्ट्र में भाजपा को रोकने के लिए सोनिया गांधी ने शिवसेना और एनएससी की मदद की थी। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की अन्य राज्यों में अच्छी स्थिति है। इसलिए उन्हें शिवसेना और एनएसपी के साथ गठबंधन करने की जरूरत नहीं है।

समर्थन देने का फैसला
गोवा विधानसभा चुनाव के लिए प्रफुल्ल पटेल ने कहां की वह शुक्रवार को उम्मीदवार की पहली लिस्ट जारी कर सकते हैं। गोवा के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर के बेटे के बगावती सुर को लेकर भी संजय राउत ने उनको समर्थन का ऑफर दिया है। राउत का कहना है कि उत्पल ने बीजेपी से सही सवाल किया है उन्हें टिकट देना या ना देना बीजेपी का अपना आंतरिक मामला है। लेकिन उत्पल अकेले चुनाव लड़ेंगे तो समर्थन देने का फैसला किया जाएगा।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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