देशभर में आज बकरीद धूमधाम से मनाई जा रही है लेकिन ईद पर्व के बीच विशाखापट्टनम से एक दुखद खबर सामने आई है। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक बड़ा हादसा हो गया है और सारी शुखियां गम में बदल गईं। दरअसल हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में एक विशाल क्रेन मौत पर गिर गई जिसने 11 लोगों की जिंदगी खत्म कर दी। घटना को लेकर डीसीपी सुरेश बाबू ने कहा है कि बड़ी क्रेन गिर गई जिसकी चपेट में आने से 11 लोगों की मौत हो गई है और एक घायल हैं। क्रेन गिरने के बाद शिपयार्ड में अफरा-तफरी मच गई है। वहीं हादसे का विडियो भी सामने आया है। विडियो में दिख रहा है कि शिपयार्ड में लगा क्रेन अचानक नीचे गिर जाता है। जिसके बाद चीख पुकार मच जाती है। जानकारी के मुताबिक क्रेन के पास कुल लगभग 18 मजदूर काम कर रहे थे। इसी बीच क्रेन टूटकर नीचे गिर गया। क्रेन की चपेट में आने से 11 की मौत हो गई है जबकि एक मजदूर घायल हो गया है जिसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा उस समय हुआ जब क्रेन से लोडिंग का ट्रायल किया जा रहा था। घटना को लेकर राज्य सरकार की ओर से अधिकारियों को कारगर और जरूरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं ।
हादसों का शहर विशाखापट्टनम !
इससे पहले विशाखापट्टनम में ही एक केमिकल फैक्ट्री में गैस रिसाव की घटना भी सामने आई थी। गैस रिसाव कांड में भी 11 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। जबकि 300 लोगों को कई अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। गैस इतनी खतरनाक थी कि राह चलते लोग बेहोश होकर गिरने लगे थे। आज एक बार फिर क्रेन से लोडिंग के ट्रायल के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया। जिसमें 11 लोगों ने अपनी जान गंवा दी । वहीं मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने विशाखापत्तनम के जिला कलेक्टर और शहर के पुलिस आयुक्त को क्रेन दुर्घटना की घटना में तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। तो मंत्री अवंति श्रीनिवास ने घटना की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को कारगर कदम उठाने के आदेश दिए हैं।
11 मौतों का जिम्मेदार कौन ?
आखिर बड़ा सवाल उठता है जब क्रेन से लोडिंग का ट्रायल किया जा रहा था तो मजदूरों को आस-पास से हटाया क्यों नहीं गया। किसकी लापरवाही से इतना बड़ा हादसा हो गया। और कब तक अधिकारियों की लापरवाही मजदूरों के लिए मौत बनती जाएगी। अभी कुछ साल पहले वाराणसी में एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिरने से 18 लोगों की मौत हो गई है। जिसकी जांच आज तक चल रही है। कई इंजीनियरों के नाम भी सामने आए लेकिन कार्रवाई सिर्फ कागजों पर जारी है। ऐसे ही कई मामले अधिकारियों की लापरवाही के सामने आते रहते हैं। जहां पुल निर्माण, सड़क निर्माण के दौरान मजदूरों को अपनी जिंदगी गवानी पड़ती है।