दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में किसान डटे हैं। वहीं मुजफ्फरनगर और बिजनौर में किसान अपने ही खेत में खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला है। किसान ऐसा क्यों कर रहा है, किसके बयान के बाद कर रहा है। दिल्ली बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है। वहीं अब राकेश टिकैत के विवादित भाषण के बाद किसान अपने हाथों अपनी ही फसल पर ट्रैक्टर चला रहा है। ये तस्वीरें हैं मुजफ्फरनगर के थाना खतौली कोतवाली क्षेत्र के गांव भैंसी की, जहां एक किसान ने कृषि कानून के विरोध में अपनी करीब 8 बीघा गेहूं की खड़ी फसल में ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया।

किसान ने खुद तबाह की फसल

मुजफ्फरनगर में किसान ने कितनी मेहनत से फसल उगाई। लेकिन पल भर में उसपर ट्रैक्टर चला दिया। मुजफ्फरनगर से पहले बिजनौर में भी एक किसान ऐसे ही कृषि कानूनों के विरोध में फसल खराब कर चुका है। इन तस्वीरों को देखकर मन दुखी भी होता है और उन लोगों पर गुस्सा भी आता है जो कहीं ना कहीं इनके लिए जिम्मेदार हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के नाम पर अपनी दुकान चला रहे राकेश टिकैत फसल की वजह से आंदोलन कमजोर नहीं होगा बोल कर किसानों को बरगलाने का काम कर चुके हैं।हालांकि अब राकेश टिकैत के सुर बदल चुके हैं। वो ट्वीट करके लिख रहे हैं- किसान से अपील है कि ऐसा मत करे। यह करने ले लिए नही कहा गया था।

किसानों को भड़का रहे राकेश टिकैत ?

साफ तौर पर राकेश टिकैत को लिखना पड़ा है कि ऐसा करने के लिए नहीं कहा गया था, लेकिन सवाल ये है कि जिन किसानों ने अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया है,क्या उनके नुकसान की भरपाई राकेश टिकैत करेंगे। क्या उनके खर्चों को राकेश टिकैत उठाएंगे। जाहिर तौर पर राकेश टिकैत जैसे नेता सिर्फ भाषणबाजी करना जानते हैं, लेकिन मुजफ्फरनगर और बिजनौर की तस्वीर देखने के बाद साफ हो गया है कि वाकई किसान भोला होता है, कई बार वो अपना हित और अहित नहीं समझ पाता, अगर ऐसा नहीं होता तो दोनों जगह किसान अपने हाथ से अपनी फसल खराब नहीं करता। अब सरकार की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। सरकार को चाहिए कि वो किसानों को समझाए और गलत बयानबाजी करने वालों पर एक्शन ले।

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