कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 7 महीनों से देश का अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले बैठा है। किसानों और सरकार के बीच किसान कानून को लेकर 11 बार बात हो चुकी है। लेकिन उसके बाद भी बात नहीं बन सकी। जहां एक तरफ सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के बिल्कुल भी मूड में नजर नहीं आ रही है वहीं, दूसरी तरफ किसानों ने साफ कह दिया है। जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेगी तब तक वो आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। किसान आंदोलन को लेकर अकसर दिल दहला देने वाली खबरें सामने आती रहती है। कृषि कानूनों को वापस कराने के लिए अब तक कई किसान अपनी जान गंवा चुके हैं और न जाने अभी कितनी और जाने किसानों की जाएगी। एक बार फिर से आंदोलन में बैठे दो किसानों की मौत हो गई है।

इन किसानो की मौत हार्ट अटैक से हुई है। दोनों किसान की हार्ट अटैक की वजह से मौत हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों किसान पंजाब के बरनाला जिले के रहने वाले थे। इनकी पहचान राजेन्द्र और कर्म सिंह के रूप में हुई है। जिसके बाददोनों किसानों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल में भिजवाया गया है। आपको बता दें, टीकरी बॉर्डर पर मौजूद प्रदर्शनकारियों की माने तो मृतक किसान पिछले लंबे समय से किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। इस बीच कई सारे किसानों की जान भी जा चुकी है। एक आंकड़ा बताता है कि, अब तक 500 से ज्यादा किसानों की मौत ही किसान आंदोलन के कारण हुई है। और न जाने कब तक ऐसे ही किसान अपनी जांन गंवाते रहेंगे। क्योंकि अब न तो सरकार किसानों की बात सुन रही है और न ही किसान पीछे हटने को तैयार हैं।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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