दिल्ली में हिंसा फैलाने के बाद भी दिल्ली सीमाओं पर किसानों का जमावड़ा पहले की ही तरह लगा हुआ है। किसान वापस सीमाओं के पास धरना प्रदर्शन की जगह लौट चुके हैं। इस बीच गाजिपुर के किसानों की रात अंधेरे मं गुजरी। रात के अंधेरे में किसी अनहोनी के भय से पुलिस के जवान कड़ाके की ठंड में पहरा देते रहे। गाज़ीपुर बॉर्डर पर स्थिति काफ़ी संवेदनशील बताई जा रही है। इसीलिए बडी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए है और पुलिस की ओर से कार्रवाई किए जाने की आशंका भी जताई जा रही है।
लाइट काटकर सरकार किसानों को डरा रही है
गाजीपुर की बिजली गुल हो जाने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि, बिजली काट दी गई है और पुलिस प्रशासन दहशत फैलाने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सरकार को किसानों को इस तरह से डराना बंद करना चाहिए।
चिल्ला बॉर्डर हुआ खाली
आपको बता दें, दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर आंदोलन खत्म हो गया है। दिल्ली के चिल्ली बॉर्डर पर किसान 58 दिनों से बैठ थे। लेकिन हिंसा के बाद उन्होंने आंदोलन खत्म कर दिया है। देर रात बोल्डर औऱ बैरिकेडिंग हटा दिए गए हैं। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन ने भी आंदोलन खत्म कर दिया है। पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 37 किसान नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। किसानों की तरफ से लगातार आंदोलन खत्म करने के फैसले से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के संगठनों पर अब इसका असर पड़ने लगा है। जिसकी वजह से किसानों का कहना है कि, हिंसा के बाद इस तरह से आंदोलन छोड़ना ठीक नहीं है। हालातों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने सोनीपत, झज्जर और पलवल में इंटरनेट सेवाएं 28 जनवरी को शाम पांच बजे तक बंद की हुई हैं। इस तरह दिल्ली और दिल्ली से लगे इलाकों में पुलिस ने पूरी नजर बनाई हुई है।