New Delhi: नए कृषि कानूनों के खिलाफ़ आज किसान आंदोलन का आज 37वां दिन है. तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए है। सरकार के साथ किसानों की पांचवे दौर की वार्ता फेल हो चुकी है, ऐसे में अब सवाल ये है कि इस आन्दोलन का नतीजा क्या निकलेगा? क्या सरकार किसानों की मांगों को मानेगी या फिर नए साल में 4 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली अगले दौर की बातचीत के बाद आंदोलन समाप्त होगा।

सिंघु बॉर्डर पर आज किसानों की बैठक:
राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों की आज दोपहर 2 बजे बैठक होने वाली है. किसान इस बैठक में अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे। इसके अलावा किसान सरकार के साथ होने वाली अगले दौर की बातचीत के लिए अपनी रणनीति भी तय करेंगे। इसके अलावा किसान आज शाम 5 बजे के करीब एक प्रेस वार्ता भी करेंगे, जिसमे वो आगे की रणनीति पर मीडिया को जानकारी देंगे।

किसान संगठन अभी भी अपनी मांग पर अड़े:
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान झुकने के लिए बिल्कुल तैयार नही है। आज आंदोलन का 37वा दिन है ऐसे में लगातार सरकार से विफल होती बातचीत के बीच किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा, “तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए, अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज होगा.”

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांगों का कोई विकल्प नहीं”
नए कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों ने एक स्वर मे कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और नए कृषि कानूनों को रद्द करने का कोई दूसरा विकल्प फ़िलहाल नहीं है. किसानों को सरकार का ऑफर मंजूर नही है। ऐसे में मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों का ये भी कहना है कि वो 1 साल भी धरने पर बैठना पड़े तो वो बैठेंगे।

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