किसान आंदोलन का आज 70 वां दिन है। किसान आंदोलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। किसानों की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि, जब तक केन्द्र सरकार तीनों काले कृषि कानून वापस नहीं ले लेती । तब-तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। वहीं सरकार ने भी अपने तीखे तेवर दिखाते हुए किसान कानून वापस लेने से मना किया हुआ है।अब सवाल ये उठता है कि, आखिर किसान कब तक दिल्ली की सीमा पर ऐसे ही कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हैं?, लेकिन अब लगता है कि, किसान नेता राकेश टिकैत ने इस सवाल का जवाब दे दिया है। तभी तो वह किसान आंदोलन को अक्टूबर तक ले जाने की बात कर रहे हैं।

राकेश टिकैत ने क्यों लिया अक्टूबर का नाम?
किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की तरफ से बड़ा बयान आया है। इस बयान में राकेश टिकैत ने सरकार को अक्टूबर तक का समय देने की बात कही है। उसके बाद देशभर में 40 लाख ट्रैक्टरों की रैली निकालने की चेतावनी दी है। टिकैत का कहना है कि, हमने सरकार को अक्टूबर तक का समय दिया है। राकेश टिकैत के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा 6 फरवरी को रैली निकालेगा और देश की मुख्य सड़कों का चक्का जाम करेगा। किसानों का ये मार्च दोपहर 12 से लेकर तक3 बजे चलेगा। इस दौरान किसानों का कहना है कि, कोई गाड़ी नहीं चलने देने देंगे। 26 जनवरी की किसान रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद पहली बार 6 फरवरी को किसान मार्च होने जा रहा है। किसान संगठन लगातार बड़ा रूप लेता जा रहा है। वही प्रशासन की तरफ से गाजीपुर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही किसानों के रास्तों में कीलें लगा दी गई हैं। जिसकी वजह से विपक्ष सरकार पर बहुत हावी हो गया है और किसानों के समर्थन में आ गये हैं।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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