जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक सभा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाने साधते हुए कहा कि हम गांधी के भारत में शामिल हुए थे ना कि गोडसे के भारत में। अगर मैं नेहरू खानदान में पैदा होता तो ब्राह्मण होता और इंदिरा गांधी मुस्लिम।हमारा गांधी के भारत के साथ विलय हुआ ना कि गोडसे…हम हिंदू, मुस्लिम और सिखों के बीच कभी भेदभाव नहीं करते हैं। अगर मेरा जन्म नेहरू परिवार में होता तो आज मैं एक ब्राह्मण होता और इंदिरा गांधी एक मुस्लिम होती और वो मेरे पिता के घर जन्म लेतीं तो।

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फारूक अब्दुल्ला ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि – हमने भारत के खिलाफ कभी कोई नारा नहीं लगाया। हमें पाकिस्तानी कहा गया। यहां तक कि मुझे खालिस्तानी कहा गया।..हम महात्मा गांधी के मार्ग पर चलते हैं और गांधी के भारत को वापस लाना चाहते हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में 750 किसानों ने शहादत दी है। खुद जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों का समर्थन करते हुए भाजपा को आगामी चुनाव में हार के संकेत दिए थे। पांच राज्यों में हार को देखते हुए मोदी सरकार ने कृषि कानून रद्द कर दिए। फारुक अब्दुल्ला ने इससे पहले कहा था, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमसे ‘दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी’ हटाने का वादा किया था। न तो दिल जुड़े न ही जम्मू कश्मीर और दिल्ली के बीच की दूरी मिटी। अगर कुछ बदला है तो उन्हें लोगों को यह बताना चाहिए।

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