गुरुग्राम कोर्ट की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोना सिंह द्वारा सुनाई गई सजा में ‘आप’ की पूर्व पार्षद निशा सिंह और 10 महिलाओं सहित 17 दोषियों पर जुर्माना भी लगाया गया है। पूर्व पार्षद निशा सिंह ने राजनीति में कदम रखने के लिए प्राइवेट नौकरी छोड़ दी थी। 2011 में उन्होंने गुरुग्राम नगर निगम का चुनाव निर्दलीय लड़ा और वार्ड नंबर 30 से पार्षद चुनीं गईं।

पूर्व पार्षद व आप नेता निशा सिंह को एक स्‍थानीय अदालत ने 7 साल की सजा सुनाई है। दरअसल निशा सिंह (Nisha Singh) नाम की इस पार्षद पर 2015 में एक भीड़ को भड़काने का आरोप है, जिसने पुलिस टीम पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला कर दिया था। यह पुलिस टीम अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत शहर के सेक्टर-47 स्थित झीमर बस्ती गई हुई थी। ज्ञात हो कि 7 साल पहले हुई इस घटना में 17 लोगों को सजा सुनाई गई है, जिसमें 10 महिलाएं शामिल हैं। पार्षद निशा सिंह के अलावा बाकी सभी ग्रामीण महिलाएं हैं।

बता दें कि पूर्व पार्षद निशा सिंह ने राजनीति में कदम रखने के लिए प्राइवेट नौकरी छोड़ दी थी। 2011 में उन्होंने गुरुग्राम नगर निगम का चुनाव निर्दलीय लड़ा और वार्ड नंबर 30 से पार्षद चुनी गईं। बाद में उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन कर लिया और 2016 तक पार्षद रहीं।

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लंदन से पढ़ाई के बाद बड़ी कंपनियों में काम कर चुकी हैं पार्षद
जानकारी के मुताबिक 15 मई 2015 को हुई इस झड़प के बाद पार्षद सिंह को 18 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं वे सभी बीते गुरुवार तक बेल पर बाहर थे, लेकिन अदालत के आदेश के बाद घटना के सभी आरोपियों को भोंडसी जेल भेज दिया गया। बता दें कि मुंबई विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद पूर्व पार्षद सिंह ने लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया। बाद में भारत लौटने के बाद उन्होंने गूगल जैसी बड़ी कंपनी में काम किया।

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