लंबे समय से भारत और चीन के बीच तनातनी बनी हुई है। चीन लगातार भारत को उकसा रहा है। दूसरी तरफ भारत पूरी तरीके से तैयार है और लगातार मुहतोड़ जवाब दे रहा है। बॉर्डर पर ताबड़तोड़ जवाब मिलने के बाद अब चीन ने नई कूटनीतिक जंग शुरु कर दी है। एलएसी को लेकर भारत और चीन के बीच नई कूटनीतिक जंग शुरु हो गई है। भारत ने चीन के इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि दोनो देशों के बीच साल 1959 में निर्धारित एलएसी को लेकर बातचीत हो रही है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि भारत ने कभी भी 1959 में एकतरफा रूप से परिभाषित की गई तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को स्वीकार नहीं किया, यह रुख लगातार बरकरार रहा है। भारत ने चीन को यह सलाह भी दी है कि दोनो देशों के बीच एलएसी निर्धारण को लेकर जब कई दशकों से बैठकों का दौर चल रहा है तो वह अपनी तरह से इसको तय करने की कोशिश नहीं करे। भारत ने कहा कि पश्चिमी सेक्टर के विभिन्न हिस्सों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के उल्लंघन की कोशिश करते रहे चीन ने यथास्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की।

धोखेबाज चीन ने क्या कहा ?

चीन के विदेश मंत्रालय ने भी लद्दाख को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है। चीन ने कहा है कि वह लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने को मान्‍यता नहीं देता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, भारत ने लद्दाख की स्‍थापना अवैध तरीके से की है। उन्होंने कहा कि हम विवादित इलाके में भारत के सैन्‍य उद्देश्‍यों की पूर्ति के लिए आधारभूत ढांचे के निर्माण का भी विरोध करते हैं। वेनबिन ने यह भी कहा कि भारत ने इस हिस्से को गैर कानूनी तरीके से कब्जा कर रखा है। यह पहला मौका है जब चीन ने लद्दाख को लेकर इस तरह की स्पष्ट टिप्पणी की है और वह भी तब जब दोनो देशों की सेनाओं के बीच साढ़े चार महीने से तनाव है।

चीन का इस बार पक्का इलाज जरूरी !

पिछले कई महीनों से भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। LAC के दोनों तरफ भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं। हालांकि दोनों देशों के बीच हुई हालिया बातचीत में सीमा के नजदीक और अधिक सैन्य जवानों की तैनाती नहीं करने पर सहमति बनी है। लद्दाख के कई हिस्से पर दोनो देशों की सेनाएं कुछ सौ मीटर पर तैनात है। सर्दियों के शुरु होने में कुछ हफ्ते बाकी है और दोनो तरफ से भारी साजो समान का जमावड़ा किया जा रहा है। साथ ही दोनो देशों के बीच तनाव को खत्म करने की बातचीत का सिलसिला भी जारी है। 10 सितंबर, 2020 को दोनो देशों के विदेश मंत्रियों के बीच तनाव खात्मे को लेकर बातचीत भी हुई थी।

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