उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विधानसभा चुनाव के दंगल से पहले जबरदस्त हिंसा हो गई, 8 लोगों ने अपनी जान गंवा दी इस हिंसा पर सरकार और विपक्ष के बीच कुश्ती जारी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही हुई इस सनसनीखेज घटना के बाद विपक्षी दलों में पहले पीड़ित और घटनास्थल तक पहुंचने की होड़-दौड़ रविवार से ही शुरू हो गई और आज बुधवार को भी जारी रही। आज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी पहुंचे और पीड़ित किसानों के साथ मुलाकात की। उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जिला भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा बना हुआ है। विपक्ष में बैठे जितने भी सियैसी लड़ैया हैं, सभी में यहां पहुंचने की होड़ मची हुई है। इस कड़ी में बुधवार से राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ लखीमपुर खीरी के नाम पर रण शुरू कर दिया है, वहीं, प्रियंका गांधी पहले से ही मोर्चे पर डटी हैं। बुधवार को सबसे पहले राहुल गांधी लखनऊ पहुंचे। वहां से राहुल गांधी सीतापुर के लिए रवाना हुए। राहुल गांधी के साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मौजूद थे। लखनऊ से राहुल का काफिला सीधे सीतापुर पहुंचा। जहां से राहुल के काफिले में प्रियंका गांधी भी शामिल हो गई। जिसके बाद 6 लोगों की टीम लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुई और देर रात मृतक किसानों के परिजनों से मुलाकात की। पलिया कलां में वो हिंसा में मारे गए मृतक किसान के परिवार से मुलाकात की। पलिया में लवप्रीत के माता-पिता और दोनों बहनों से राहुल-प्रियंका ने बातचीत की और ढांढस बांधा। यहां से मिलने के बाद दोनों नेता निघासन में मृतक पत्रकार के परिवार से मुलाकात की।

लखनऊ में सियासी भूचाल के संकेत

राहुल गांधी के लखीमपुर खीरी रवाना होने से पहले लखनऊ में जमकर बवाल हुआ। राहुल गांधी दोपहर करीब 2 बजे दिल्ली से लखनऊ पहुंचे. तय कार्यक्रम के मुताबिक, राहुल लखनऊ एयरपोर्ट से सीतापुर जाते, जहां वो प्रियंका से मुलाकात करते। फिर वहां से प्रियंका-राहुल लखीमपुर के लिए निकलते, लेकिन इससे पहले ही एयरपोर्ट पर तनाव वाला माहौल बन गया। राहुल गांधी को एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। उनके साथ पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी थे। मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि उनको अपनी गाड़ी से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है और वो एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए। राहुल ने योगी सरकार पर निशाना साधा कि यह कैसी परमिशन है? दरअसल, फोर्स का कहना है कि लखीमपुर जाने के लिए प्रशासन ने जो एस्कोर्ट और रास्ता तय किया है उससे ही जाना होगा। लेकिन राहुल इस पर राजी नहीं थे। राहुल ने कहा, सरकार कुछ बदमाशी करना चाहती है, मुझे नहीं पता क्या लेकिन इनका कुछ प्लान है। ये मुझे कैदी की तरह पुलिस की गाड़ी में लेकर जाना चाहते हैं। नए विवाद की कहानी और ज्यादा उलझती जा रही थी। इस बिगड़ती हुई बात को बनाने के लिए प्रशासन ने कुछ नियमों के साथ उन्हें अपनी गाड़ी से जाने की इजाजत दे दी।

राजनीति का बड़ा अखाड़ा…लखीमपुर

वैसे पहले दिन रात में ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा दिल्ली से लखनऊ पहुंचकर लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं, लेकिन सीतापुर में रोक कर हिरासत में ले ली गईं। लखीमपुर खीरी जाने के ऐलान के बाद बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लखनऊ एयरपोर्ट से लौटा दिया गया। समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव लखनऊ में सड़क पर प्रदर्शन के लिए उतरे, जो हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिए गए। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी सीतापुर में हिरासत में ले लिए गए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू गुरुवार को पीड़ित परिवारों से मिलने लखीमपुर खीरी जाएंगे। खैर, इस सियासी घमासान के बीच असली सवाल अब भी वही बना हुआ है कि लखीमपुर में लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है और उसकी गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई?

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