शनिवार को महाराष्ट्र सरकार ने एमएसआरटीसी के और 380 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, सूचना के अनुसार यह कर्मचारी हड़ताल समाप्त करने पर राजी नहीं थे। वह बार-बार हड़ताल खत्म करने की बात को नकारते आ रहे थे। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़तान 24वें दिन शनिवार को भी जारी रही।

हड़ताल को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार कर्मचारियों की हर एक मांग पर चर्चा करने को तैयार है सिवाय विलय की मांग को छोड़कर। सरकार द्वारा अपील किए जाने के बाद भी जब कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर नहीं आए, तब सरकार ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के 618 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। आपको बता दे महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के अंतर्गत 90,000 कर्मचारी काम करते है। सरकार ने कर्मचारियों के हड़ताल को देखते हुए बीते दिन 161 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया, जिसके कारण निलंबित कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 2,937 हो गई है।

आपको बता दे कर्मचारी जो 28 अक्टूबर से हड़ताल कर रहें हैं उनकी सरकार से मांग है कि वह नगदी संकट में फंसे हुए निगम को राज्य सरकार में विलय कर ले ताकि नगदी संकट से जूझ रही निगम फिर से दुरुस्त हो जाए। हड़ताल के दौरान शनिवार को सरकार 143 बसों को चलाने में सफल रही।

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परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि सरकार विलय को छोड़कर कर्मचारियों की दूसरी मांगों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारियों द्वारा की गई मांगो की जांच के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश पर नियुक्त समिति द्वारा दिए गए रिपोर्ट को सरकार गंभीरता से लेगी। मंत्री अरब ने कहा कि कर्मचारियों को उन नेताओं की बात नहीं सुननी चाहिए जो केवल अपने हित के लिए उनके साथ जुड़े हैं।

लगातार चल रहे इस हड़ताल के कारण राज्यभर में यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, इस हड़ताल की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को हो रही है। इन जगहों पर राज्य परिवहन सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का मुख्य आधार है, जो अभी काफी प्रभावित हो रहा है।

सरकार ने एमएसआरटीसी कर्मचारियों के हड़ताल को देखते हुए शुक्रवार को निगम के 238 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया और 297 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। सूचना के अनुसार 2,296 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सरकार द्वारा नोटिस भेजा गया है और 238 कर्मचारियों की सेवाएं पहले चरण में समाप्त की गयी हैं, इसके अलावा अभी भी सरकार रुकी नहीं है वह आगे की कार्रवाई पर विचार कर रही है।

सरकार ने पिछले हफ्ते की शुरुआत में 2,584 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों में से 2,296 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर एक दिन के अंदर काम पर वापस आने को कहा लेकिन महज 32 कर्मचारी काम पर लौटे, जिसके बाद 297 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया और बाकी के सभी कर्मचारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

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