नगालैंड (Nagaland) में फायरिंग को लेकर जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है। सोमवार को खुद मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो मोन जिले पहुंचे। यहां उन्होंने सुरक्षाबलों की फायरिंग से मरने वाले नागरिकों को अंतिम विदाई दी। इस दौरान लोगों में जबरदस्त गुस्सा नजर आया। विपक्ष समेत जनता ने नारेबाज कर इस घटना पर नाराजगी जाहिर की। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से राज्य में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट यानी AFSPA को हटाने की मांग की। रियो ने कहा कि उग्रवाद पर नियंत्रण पाने के लिए यह कानून लागू किया गया था तो फिर अब तक यह क्यों वापस नहीं लिया गया।

रियो ने कहा कि उग्रवाद पर नियंत्रण पाने के लिए यह कानून लागू किया गया था तो फिर अब तक यह क्यों वापस नहीं लिया गया। बता दें कि रविवार को सुरक्षाबलों की फायरिंग में 14 नागरिकों की मौत के बाद नगालैंड (Nagaland) में एक बार फिर से आफ्स्पा कानून हटाए जाने की मांग तेज हो गई है।

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AFSPA के तहत सशस्त्र बलों को कहीं भी अभियान चलाने और बिना पूर्व वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार प्राप्त है। AFSPA को 1958 में लागू किया गया था, इसका उपयोग अशांत घोषित किये गये क्षेत्रों में किया जाता है। इस एक्ट के द्वारा किसी क्षेत्र में धार्मिक, नस्लीय, भाषायी तथा समुदायों के बीच विवाद के कारण इसे राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा अशांत घोषित किया जा सकता है। इस एक्ट के द्वारा सशस्त्र बलों, राज्य व केन्द्रीय पुलिस बल को उग्रवादियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही संपत्ति या घर को नष्ट करने, छानबीन करने और गोली मारने का अधिकार दिया गया है।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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