महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। अंडरवर्ल्ड दाऊद इब्राहिम के परिवार से जमीन खरीदने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कस्टडी में चल रहे नवाब मलिक को एक बार फिर मुंबई हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को सही बताते हुए उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिनमें उन्होंने खुद को गिरफ्तार करने के तरीके पर सवालिया निशान लगाते हुए गिरफ्तारी को अवैध बताया था।

हाई कोर्ट ने फैसले के दौरान कहा कि ईडी द्वारा पेश की गई दलील यह साबित करती है कि उनके पास मलिक को गिरफ्तार करने के पर्याप्त कारण थे, हालांकि सबूतों के सत्यापन को लेकर अदालत में कोई बहस नहीं हुई है।

बता दें कि इससे पहले मुंबई कि पीएमएलए कोर्ट भी नवाब मलिक की यह दलील ठुकरा चुकी है कि उनके खिलाफ राजनीतिक वजहों से कार्रवाई की जा रही है। अब यह माना जा रहा है कि नवाब मलिक सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बता दें कि नवाब मलिक को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। 1 सप्ताह तक ईडी की कस्टडी में रहने के बाद वह अब न्यायिक हिरासत में मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है।

वहीं नवाब मलिक पर हाईकोर्ट के इस फैसले पर विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी को जायज ठहराया है। अभी ठाकरे सरकार नवाब मलिक कि अगर बर्खास्त नहीं करती है इस्तीफा नहीं लेती तो यह दुर्भाग्य की बात होगी। सीधा-सीधा डी कनेक्शन देखकर भी सरकार उनसे इस्तीफा नहीं ले रही है। इससे साफ होता है कि सरकार दाऊद इब्राहिम के इशारे पर चल रही है।

9 नवंबर 2021 को नवाब मलिक पर दाउद इब्राहिम और मुंबई बम ब्लास्ट से संबंधित लोगों के खिलाफ जमीन का सौदा करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि इस सौदे में जो महिला जमीन की मालकिन थी उन्हें एक रुपया नहीं दिया गया। बल्कि, उस महिला से पॉवर ऑफ अटॉर्नी सरदार शाह वली खान और सलीम पटेल के नाम ट्रांसफर की गई। ये दोनों दाउद इब्राहिम और मुंबई बम ब्लास्ट से संबंधित रहे हैं।

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