भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू के यहां हुआ था। वह अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रही है, इंदिरा गांधी जो 1966 से लेकर 1977 तक उसके बाद 1980 से लेकर 1984 तक भारत की प्रधानमंत्री रही थी।

हम जब भी इंदिरा गांधी का नाम सुनते है तो हमे एक महिला का चेहरा याद आता है जो अपने फैसलों को लेकर दृढ़निश्चयी थी, जिनके लिए चुनाव जीतने से ज्यादा देश को मजबूत बनाना महत्वपूर्ण था। इंदिरा गांधी की कार्यशैली ने उनके व्यक्तित्व को एक करिश्माई रूप दे दिया था, वह अपने वक्त की सबसे लोकप्रिय जननेताओं में से एक थी। वह इंदिरा गांधी ही थी जिन्होंने विश्वभर में भारत की एक धर्मनिरपेक्षता और समानता वाली छवि को बल दिया था।

इंदिरा गांधी लोकतांत्रिक समाजवाद की प्रणेता थीं। उन्होंने बैंकों और तेल कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया और राजाओं के प्रिवीपर्स की समाप्ति की जो उनके कार्यकाल के सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक थे, उनके इन निर्णयों में देखा जाए तो समानता का सपना छिपा हुआ था और वैसा ही हुआ। इंदिरा गांधी ने एक बार जनसभा को संबोधित करते हुए कहा थाकि जब तक देश में गरीबी और असमानता है, तब तक उन्हें दूर करने के लिए कार्य करना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी रहेगी। उन्होंने गरीबी हटाओ और 20 सूत्रीय कार्यक्रम को शुरू कर देश के सामाजिक, आर्थिक स्थिति को मजबूत किया।

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इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री थी वह आदिवासियों और जनजातियों के लिए हमेशा कार्यरथ थी, उन्होंने 12 नवंबर 1982 में मध्यप्रदेश के अमरकंटक में एक आदिवासी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। वहां उन्होंने कहा कि मैं जब तक प्रधानमंत्री हूं मैं अपने आदिवासी भाई और बहनों के लिए कार्य करती रहूंगी, उनकी समस्याओं को हल करने का हर संभव प्रयास करूंगी। मुझे डर है कि कही हमारे आदिवासी समुदाय की परंपराएं और सभ्यता खत्म ना हो जाए।

अगर आपको याद हो हरित क्रांति इंदिरा गांधी के शासन काल में ही आरंभ हुई थी। उनके शासनकाल में हर एक महिलाओं को बराबरी का हक मिला, खेतिहर महिला मजदूरों को पुरुषों के बराबर मजदूरी का नया कानून बनाया गया था। वह इंदिरा गांधी ही थी जिन्होंने कृषि क्षेत्र में ‘हरित क्रांति’ को बल दिया था। किसानों के जीवन में सुधार लाने के लिए अनेक परियोजनाओं को शुरू किया गया ताकि देश का किसान आत्मनिर्भर बन सके। आज इंदिरा गांधी भले ही हमारे बीच में ना हो लेकिन उनकी विचारधारा और कार्य हमारे बीच हैं। हम उन्हें उनके जन्मतिथि के अवसर पर सादर नमन करते हैं।

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