राज्यसभा में विपक्ष के भारी विरोध और जोरदार हंगामे के बीच आज यानी रविवार को कृषि बिलों को पारित कर दिया गया है। बिल पर तो मुहर लग गई है। लेकिन सियासत है कि कम होने की नाम नहीं ले रही है। सत्ता पक्ष खुश है तो विपक्षी दलों के नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं। अबकी बार, कृषि बिल को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए इन बिल को किसानों के लिए मौत का फरमान बताया है। इतना ही नहीं राहुल गांधी का ये कहना भी है कि, जो किसान धरती से सोना उगाता है, मोदी सरकार का घमंड उसे ख़ून के आंसू रुलाता है। उन्‍होंने ये बात ट्वीट के जरिए कही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा- जो किसान धरती से सोना उगाता है, मोदी सरकार का घमंड उसे ख़ून के आंसू रुलाता है। राज्यसभा में आज जिस तरह कृषि विधेयक के रूप में सरकार ने किसानों के ख़िलाफ़ मौत का फ़रमान निकाला, उससे लोकतंत्र शर्मिंदा है।

कांग्रेस लगातार हमलावर

राहुल गांधी ही नहीं कांग्रेस के सभी नेता बिल के विरोध में लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इस बिल को लेकर कहा कि, बाहुबली मोदी सरकार ने जबरन किसान बिल को पास कराया है। इससे ज्यादा काला दिन कुछ हो नहीं सकता है, देश का किसान मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगा। एक और अन्य ट्वीट करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने लिखा- 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इसलिए हुआ कि लॉर्ड डलहौजी ने भारतीयों से उनकी रियासतें, स्वशासन और हथियार छीन लिए थे। 2020 का स्वतंत्रता संग्राम इसलिए होगा की एक तानाशाह किसानों से उनकी जमीन और खेत-खलिहान छीन रहा है। जान लें, अब याचना नही रण होगा।

अहमद पटेल का सरकार पर हमला

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल ने सत्ता रूढ़ पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी वैसे तो पढ़ने लिखने में थोड़ा कम ही ये लोग जानते हैं लेकिन पहली बार घोषणापत्र में दिन और रात एक करके उसमें से कुछ चीज निकाली और अपने अध्यादेश से तुलना की कोशिश की। हमारा घोषणापत्र घोड़ा है लेकिन गधे के साथ इन्होंने तुलना करने की कोशिश की।

विपक्ष लगातार हमलावर

कृषि से जुड़े तीन विधेयकों पर पूरा विपक्ष सरकार पर हमलावर बना हुआ है। इस बिल का विरोध करते हुए मोदी सरकार में मंत्री अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल में अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था। वहीं इस बिल पर RJD नेता मनोज झा ने कहा कि इस हुकूमत में हम एक दिन कहते हैं कि आज सबसे काला दिन था, परन्तु अगले दिन पता चलता है कि बीता हुआ दिन कम काला था और ये ज्यादा काला है। आप एक ऐसा बिल लेकर आ रहे हैं जिससे पूरे देश में आंदोलन शुरू हो गया है, आप सड़क और संसद के बीच का तार तोड़ रहे हैं। शिवसेना संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि बिल के बारे में कहा कि ये किसानों के लिए नई क्रांति है नई आज़ादी है। MSP और सहकारी खरीद की व्यवस्था खत्म नहीं की जाएगी, ये सिर्फ अफवाह है। तो क्या अकाली दल के एक मंत्री ने अफवाह पर भरोसा रखकर कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।

Share.
Exit mobile version