उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में चोरी के वाहनों को अवैध रूप से कटान वाले कुख्यात सरगना नईम उर्फ गल्ला की करोड़ों की संपत्ति पर पुलिस का डंडा चला है. गल्ला की अपराध के जरिए अर्जित की गई संपत्ति कुर्क की गई, इससे पहले उसके कोठी को भी कुर्क किया गया था।

2 दशक से चल रहा था काला धंधा
दरअसल, आरोप है कि, पिछले 2 दशक से नईम उर्फ गल्ला चोरी के अवैध वाहनों को काटकर, उनके स्पेयर पार्ट्स को बेचने का धंधा चला रहा था। उसके ऊपर हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत अन्य कई राज्यों में 30 ज्यादा मामले दर्ज है। इसके बावजूद भी उसका गोरखधंधा जारी था।

कई लोगों पर हुई कार्रवाई
चोरी के अवैध वाहनों को खरीदने व बेचने वालों पर योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के वाहन चोरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है, इनमे कई कबाड़ी भी शामिल हैं। गल्ला के खिलाफ तो गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

मेरठ में सजती थी मंडी
मेरठ का सोतीगंज बाजार चोरी के स्पेयर पार्ट्स का बदनाम बाजार है. हालांकि, अब यहां कक तस्वीर बदल चुकी है। 2 दर्जन से भी ज्यादा वाहन चोरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यहां तक कि चोरी के वाहनों से पैसा कमाने वाले लोगों की पूरी संपत्ति कुर्क की जा रही है।

पुलिस ने क्या कहा
एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि, “इससे पहले भी नईम उर्फ हाजी गल्ला की 4 करोड़ की संपत्ति कुर्की की गई थी और आज भी दो मकान कुर्क किए गए हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में आंकी गई है. गल्ला पिछले 30 सालों से मेरठ के सोतीगंज में चोरी की गाड़ियां काटने का काम करता था.”

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कबाड़ी हाजी नईम पर इसके पहले भी कानून का डंडा चल चुका है। उसकी 4 करोड़ की समपत्ति कुर्क की गई थी। तब पुलिस हिरासत में हीं गल्ला की तबियत बिगड़ गई, और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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