एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए कठोर नियम बना रही है व भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों, कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार में बैठे कर्मचारी सरेआम लाभकारी योजना में घपला कर भ्रष्टाचार की परिभाषा को जीवित कर रह रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के लखनऊ की सरोजनी नगर तहसील के बंथरा और चंद्रावल गांव का है। जहां साल 2019 से 2020 और 2020 से 2021 में कुल 88 लोगों को राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का लाभ दिया गया। जिनमें 21 महिलाओं को फर्जी तरीके से योजना का भुगतान किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुरुआती जांच में सामने आया है कि लाभ पाने वाली इन महिलाओं में 21 महिलाएं ऐसी थी जिनके पति जीवित हैं। उसके बाद भी फर्जी तरीके से महिलाओं को योजना का भुगतान किया गया।

सांकेतिक फोटो

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस फर्जी भुगतान में दलाल से लेकर भ्रष्ट अफसर तक मिले हुए हैं। खबर की मानें तो फर्जी भुगतान में दलाल से लेकर भ्रष्ट अफसर तक कमीशन तय रहता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लाभार्थी महिला को 30,000 में से मात्र 10000 से 15000 हजार रुपये ही मिले, बाद बाकी का रकम दलाल और अफसरों के पॉकेट में चला गया।

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बता दें, उत्तर प्रदेश में ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बलरामपुर, चित्रकूट, कानपुर समेत कई जिलों में ऐसी गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं, जहां पर स्थानीय जिला प्रशासन ने विभागीय कार्रवाई कर दोषी कर्मचारियों को सस्पेंड किया था।

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Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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