देशभर में कोरोना वायरस ने अपना अलग ही तहलका मचा रखा है। एक तरह से देखा जाये तो 2020 का पूरा साल बस कोरोना वायरस के दौर में ही गुजर गया। ये साल शायद ही किसी के लिए अच्छा रहा हो। साल 2020 में किसी ने अपनी नौकरी खोई है तो किसी ने अपनी ज़िन्दगी। कोरोना की इस महामारी में न जाने कितने लोग ने अपनों को खोया है। समय निकलता गया फिर धीरे – धीरे ऐसा महसूस होने लगा कि शायद अब कोरोना काल खत्म हो रहा है। लेकिन, देशभर में अब कोरोना संक्रमण के मामले घटने की जगह बढ़कर 88 लाख के पार पहुँच चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही राहत की बात ये है कि जितनी रफ़्तार से मामले बढ़ रहे हैं उतनी ही रफ्तार से मामले घट भी रहे हैं क्यूंकि 81 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले ठीक भी हुए हैं। देश में कोरोना के इलाज के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रही है। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पूर्ण भारत में दिसंबर तक 100 मिलियन वैक्सीन तैयार करेगी।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO आदर पूनावाला ने एक वरिष्ठ मीडिया एजेंसी से बात करते हुए बताया कि – अंतिम चरण के परीक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से लोगों को वायरस से प्रभावी सुरक्षा मिलती है, तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कम से कम एक बिलियन खुराक का उत्पादन करने की भागीदारी है। जिसे दिसंबर तक नई दिल्ली से आपातकालीन प्राधिकरण प्राप्त कर सकता है। वैसे तो हम थोड़ा चिंतित थे कि यह एक बड़ा जोखिम था। लोकिन एस्ट्राज़ेनेका और नोवावेक्स के शॉट्स दोनों बहुत अच्छे लग रहे हैं। उम्मीद है कि 2024 तक पूरी दुनिया में सभी को कोरोना वैक्सीन लगा दी जाएगी। वहीं आने वाले दो सालों में संक्रमण की क्षमता में वास्तविक कमी देखने को मिल सकती है।

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