कन्नौज: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की तरह हीं बर्ड फ्लू भी डराने लगा है. इस फ्लू को लेकर जहां सरकार ने पूरे यूपी में हाई अलर्ट जारी कर दिया है तो वहीं कन्नौज जिले का पशुपालन विभाग भी सतर्क हो गया है. बर्ड फ्लू के खतरे के मद्देनजर जहां कन्नौज जिले में लाख बहोसी पक्षी विहार में बड़ी संख्या में आने वाले विदेशी पक्षियों के साथ साथ मुर्गी पालन केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है तो वहीं लाख बहोशी पक्षी बिहार में आने वाले विदेशी पक्षियों की बीट सैंपलिंग के लिए जांच केंद्र भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा पोल्ट्री फार्मों में बीमार मुर्गियों की सैंपलिंग कर पालकों को जागरुक करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

कन्नौज में पूरी है तैयारी
कन्नौज जिले में बर्ड फ्लू के खतरे से बचने के लिए जहां पूरी मुक्कमल तैयारी है तो वहीं दूसरी तरफ जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ अनिल कुमार ने कहा है कि बर्ड फ्लू को लेकर पशुपालन विभाग ने अपने तरफ से कमर कस ली है। इस खतरे से निपटने के लिए जिले के 8 ब्लॉक में रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है. इसके तहत प्रत्येक रिस्पांस टीम में एक उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और दो पशु चिकित्सकों को पोल्ट्री फार्म में बीमार मुर्गियों और चूजों पर नजर रखने के लिए रखा गया है। इस टीम का काम प्रवासी पक्षियों पर भी निगरानी रखने की है।

पक्षियों का रंग बदलने लगता है
बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि, “बर्ड फ्लू की चपेट में आने से पक्षियों की मौत होने लगती है. साथ ही पक्षियों का रंग बदलने लगता है. पक्षियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. सांस लेने में दिक्कत के साथ-साथ नाक से झाग निकलने लगता है. पक्षियों के जरिए ये बीमारी मनुष्यों में भी पहुंच जाती है. इसमें पीड़ित को तेज बुखार और सांस लेने की समस्या उत्पन्न हो जाती है”

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