नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रर्दशन का 14वां दिन है. किसान लगातार अपनी मांगो को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. किसानों की मांग है कि सरकार उनकी मांगो को माने और नए कृषि कानूनों को वापस ले। किसानों के जारी प्रर्दशन के बीच अब सरकार ने नरमी के संकेत दिए हैं। हालांकि किसानों से बातचीत के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि कृषि बिल को वापस नही लिया जाएगा।

इन मुद्दोंपर नरम पड़ी सरकार:
केंद्र सरकार कई ऐसे मुद्दों पर किसानों के सामने झुकने पर तैयार है. सरकार एमएसपी समेत एपीएमसी कानून में बदलाव और प्राइवेट प्लेयर पर टैक्स की बातें मानने पर सहमत है। इसके लिए सरकार ने किसानों के सामने प्रस्ताव भी भेजा था। हालांकि किसानों ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। किसानों का कहना है कि सरकार कानून को रद्द करे।

किसान नेता का बड़ा बयान:
केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है। किसान सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने की लगातार मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार किसानों की बात को पूरी तरह नहीं मान रही है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा- “किसान वापस नहीं जाएंगे. यह सम्मान का मामला है. क्या सरकार कानूनों को वापस नहीं लेगी? क्या वे निरंकुश हो गई है? अगर सरकार अड़ियल है तो फिर किसान भी. कानूनों को वापस लेना होगा.”

इससे पहले किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. किसान सरकार से अभी भी कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसानों को जिन चीजों पर आपत्ति है उसमें संशोधन किया जाएगा

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