उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में जो हिंसा हुई है उससे पूरा देश वाकिफ है। लोगों में गुस्से का माहौल है। विपक्ष सरकार को चारों तरफ से घेर रही है। मामले को लेकर यूपी की योगी आदित्य नाथ सरकार पर विपक्ष हमलावर है। अब इस हिंसा के आज दूसरे राज्यों तक भी पहुंच रही है। महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महाविकास आघाडी सरकार ने लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में महाराष्ट्र में 11 अक्टूबर को बंद बुलाया है। बता दें कि महाराष्ट्र में NCP-कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन बनाकर सरकार चला रही है। तीनों पार्टियों के इस गठजोड़ को ही महा विकास अघाड़ी के रूप में जाना जाता है।

एनसीपी नेता और सरकार के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा है कि हिंसा में मारे गए किसानों को जल्द से जल्द यूपी सरकार न्याय दिलाएं, इसके लिए हमने एक दिन के बंद का ऐलान किया है।इससे पहले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत को लेकर दुख प्रकट करते हुए बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया। मंत्रियों ने किसान के सम्मान में कुछ देर मौन खड़े हो कर श्रद्धांजलि दी और मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

दूसरी ओर, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने लखीमपुर खीरी मामले की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से की है। पवार ने कहा कि देश के किसान कुछ मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे है, जिसे एक साल पूरा हो चुका है। दिल्ली की सीमा पर किसानों का एक समूह आंदोलन कर रहा है। जनवरी महीने में किसानों ने दिल्ली आने का प्रयत्न की तब भी उनकी आवाज़ को दबाया गया। पवार ने लखीमपुर खीरी की घटना के लिए बीजेपी को जिम्मेदार माना है।

उन्होंने कहा है किसानों पर बीजेपी के लोगों द्वारा गाड़ी चलाने और आंदोलन को दबाने का काम पूरे देश ने अपनी खुली आंखों से देखा है अब इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज पर करवाई जानी चाहिए।

आपको बता दें कि यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से चार किसान थे जबकि चार अन्य लोग थे। लेकिन आरोपी को पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।

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