दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 4 महीने से डटे किसान संगठनों ने आज भारत बंद का आवाहन किया था। पंजाब, हरियाणा को छोड़ दें तो कहीं भी भारत बंद का असर देखने को नहीं मिला। हालांकि पश्चिमी यूपी में किसानों ने प्रदर्शन जरुर किया। देश में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों की लड़ाई भारत बंद पर आ गई। किसान आंदोलन में घटती भीड़ से चिंतित किसान संगठनों ने भारत बंद बुलाया था, लेकिन पंजाब, हरियाणा को छोड़कर कहीं भी भारत बंद का असर दिखाई नहीं दिया। पश्चिमी यूपी में मुजफ्फरनगर, बागपत, अलीगढ़ समेत कई शहरों में किसानों ने विरोध प्रदर्शन जरूर किया,लेकिन बंद कहीं दिखाई नहीं दिया। वहीं, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता भारत बंद को सफल बताने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन तस्वीरें हर हकीकत को बयां कर रही थी।

यूपी के शहर-शहर संग्राम

किसान संगठनों के भारत बंद का सबसे ज्यादा असर हरियाणा-पंजाब में देखने को मिला। अमृतसर से अंबाला तक किसानों ने रेल की पटरियों पर कब्जा जमा लिया, हाइवे भी ठप रहे। पंजाब और हरियाणा के सभी शहरों, गांवों और कस्बों में किसानों ने प्रदर्शन किया और सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की, किसानों ने दो टूक कहा कि जब तक कानून वापस नहीं होंगे किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहेंगे। किसान संगठनों के भारत बंद का असर दिल्ली में नहीं देखने को मिला। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान तो जमकर झूमे लेकिन दिल्ली के बॉडर्स पर बंद का असर नहीं दिखा। हालांकि, दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर जरूर बंद रहे। इस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

यूपी के शहर-शहर संग्राम

मुजफ्फरनगर में दुकानें तो बंद नहीं हुई लेकिन किसानों ने चक्का जाम करके अपना विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। किसानों ने विरोध प्रदर्शन करके सरकार पर दवाब बनाने की कोशिश जरुर की, कुल मिलाकर कहें तो मुजफ्फरनगर में भारत बंद का आंशिक असर ही देखने को मिला। मुजफ्फरनगर की तरह बागपत में भी किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने दिल्ली सहारनपुर नेशनल हाइवे को जाम किया। इसके साथ ही जीवाना टोल पर पहुंचकर टोल से गुजरने वाले वाहनों का आवागम बंद कर दिया। इस दौरान टोल को जाम कर धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि कृषि काले कानून को लेकर लगातार किसान चार महीने से धरने पर बैठे हुए है। लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने को तैयार नहीं दिख रही है। अलीगढ़ में भी किसानों ने जमकर हंगामा काटा। प्रदर्शनकारी किसानों ने अलीगढ़ पलवल मार्ग जाम किया। लेकिन, शहर के अंदर हालात सामान्य दिखाई दिए। बिना मास्क लगाए किसानों ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, वहीं जनता में धूप में जाम की वजह से फंसी नजर आई। किसानों के भारत बंद का लखनऊ, कानपुर समेत कई बड़े शहरों में असर नहीं देखने को मिला। हालांकि राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों और मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए भाकियू का संघर्ष जारी है। भारत बंद में आम जनता भी साथ है। लड़ेंगे और जीतेंगे, लेकिन हकीकत यही है कि आम जनता किसानों के साथ तो है लेकिन किसान संगठनों के साथ नहीं, अब सवाल यही उठता है कि भारत बंद ‘असफल’…तो किसान आंदोलन का क्या होगा।

Share.
Exit mobile version