NEW DELHI: हर देश अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने की कोशिशें करता रहा है। भारत भी अपने सैन्य ताकत को मजबूत करने के लिए दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर के मॉरीशस द्वीप के पास स्थित अगालेगा पर खुफिया अड्डा बना रहा है। इस बात का दावा अरब की मीडिया एजेंसी अल जजीरा ने एक रिसर्च के बाद किया है। दावे में कहा गया कि भारत नौसैनिक सुविधाओं का निर्माण कर रहा है।

एक रिपोर्ट में, कतर स्थित अल जज़ीरा समाचार चैनल ने दावा किया कि जिन सैन्य विशेषज्ञों ने इसकी जांच इकाई द्वारा एकत्र किए गए सबूतों का विश्लेषण किया है उनका कहना है कि अगालेगा में एक हवाई पट्टी का निर्माण किया जा रहा है जिसका इस्तेमाल भारत  समुद्री गश्ती मिशन के लिए करेगा। वहां तेजी से निर्माण का काम किया जा रहा है। ये दावा सैटेलाइट द्वारा भेजी गई तस्वीरों के आधार पर किया गया है।गौरतलब है कि अगालेगा द्वीप जहां स्थित है उसी क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य अड्डा डिएगो गार्सिया, चीन का सैन्य अड्डा जिबूती ( Djibouti), फ्रांस का मिलिट्री बेस रियूनियो मौजूद है। ये सभी सैन्य अड्डे समंदर में हैं।बता दें कि अगालेगा, लगभग 12  किलोमीटर लंबा और 15  किलोमीटर चौड़ा द्वीप, मॉरीशस के मुख्य द्वीप से लगभग 1100 किलोमीटर की दूरी पर है और इस द्वीप पर लगभग 300 लोगों का घर है। फिलहाल विमान अगालेगा पर उतरने के लिए 800 मीटर की एक छोटी लैंडिंग पट्टी का उपयोग करता है।

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वहीं ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) थिंक-टैंक, नई दिल्ली के एसोसिएट फेलो अभिषेक मिश्रा ने कहा, यह भारत के लिए एक खुफिया सुविधा है, जो दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर और मोजाम्बिक चैनल में निगरानी बढ़ाने के लिए हवाई और नौसैनिक की सुविधा बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होगी। उन्होंने कहा मेरी व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर बेस का इस्तेमाल हमारे जहाजों की बर्थिंग के लिए किया जाएगा और रनवे का इस्तेमाल ज्यादातर हमारे पी-8आई विमान के लिए किया जाएगा..इसके अलावा पी–8I समुद्री गश्ती विमान जिसका इस्तेमाल निगरानी, सतह-विरोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए किया जा सकता है।

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