लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा लागू किए गए, एक जिला एक उत्पाद मुहिम का असर दिखने लगा है। राज्य के चंदौली में 2 साल पहले शुरू हुई काले चावल की खेती के कारण यहां के किसान अब पूरी दुनिया में नाम कमाने लगे हैं। दरसल संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़ी संस्था UNDP ने चंदौली के ब्लैक राइस की तारीफ की है।

काले चावल में क्या है खास:
दरसल घर मे प्रयोग होने वाला आएम चावल सफेद रंग का होता है। हालांकि यूपी के चंदौली में काले चावल का उत्पादन हो रहा है जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इस चावल की पीएम मोदी भी कर चुके हैं। पिछले साल इस चावल का निर्यात ऑस्ट्रेलिया में भी किया गया था, जिससे यहाँ के किसान काफी खुश हुए थे। हालांकि अब UNDP के इस चावल की तारीफ करने के बाद किसानों में खुशी की लहर है।

किसानों को हुआ काफी फायदा: डीएम चंदौली
संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़ी संस्था UNDP के द्वारा चंदौली के काले चावल की प्रशंसा किए जाने पर जिले के डीएम संजीव सिंह का कहना है कि, “एक जिला एक उत्पाद के मुहिम में काला चावल की खेती की शुरुआत की गयी और आज यह चावल अपनी पहचान पूरी दुनिया में बनाता जा रहा है. इस चावल में सभी पौष्टिक गुण उपलब्ध हैं और शुगर और कैंसर जैसी बीमारी में यह चावल लाभदायक है. किसानों को इसके ज्यादा मूल्य मिल रहे हैं.”

चंदौली जिले को यूपी के धान का कटोरा कहा जाता है, यहां पर कई तरह की खास किस्म के धानों की पैदावार होती है. यहां पर अनेकों तरह की सेंटेड और उत्तम किस्म की चावल होती है। हालांकि अब ब्लैक राइस ने जिले को नई पहचान दे दी है।

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