उत्तर प्रदेश की टेक्निकल एजुकेशन मंत्री कमल वरुण रानी की मौत हो गई है। 18 जुलाई को कमल वरुण रानी कोरोना पॉजिटीव पाई गई थीं। वो लखनऊ के पीजीआई (PGI) अस्पताल में भर्ती थीं। आज (रविवार) को उन्होंने लखनऊ पीजीआई (PGI) में अंतिम सांस ली।

कमल रानी वरुण उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थीं। कमल रानी की पिछले महिने तबीयत खराब हुई जिसेक बाद उनका सैंपल जांच के लिए हॉस्पिटल भेजा गया। 18 जुलाई को कोरोना पॉजिटीव की पुष्टी हुई। उनको लखनऊ के पीजीआई (PGI) अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कमल रानी कोरोना को हरा नहीं पाई और जिंगदी की जंग हार गई।

इनके मौत के बाद यूपी की सियासत में शोक की लहर है। नेताओं, मंत्रियों और विधायकों ने शोक संवेदना व्यक्त की है। पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्याथ समेत कई नेताओं ने कमल रानी की मौत पर संवेदना व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त की दुख

पीएम नरेंद्र मोदी ने कमल रानी को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्री श्रीमती कमला रानी वरुण जी के निधन से बहुत दुख हुआ। उनका पूरा जीवन समाजसेवा के प्रति समर्पित रहा। उन्होंने राज्य में भाजपा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ है।ओम शांति!”

योगी आदित्याथ ने गहरा शोक जताया

कमल रानी की निधन पर आदित्याथ ने शोक व्यक्त करते हुए हुए ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश सरकार में मेरी सहयोगी, कैबिनेट मंत्री श्रीमती कमल रानी वरुण जी के असमय निधन की सूचना, व्यथित करने वाली है। प्रदेश ने आज एक समर्पित जननेत्री को खो दिया। उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें”। ॐ शांति!

कमल रानी की प्रारंभिक जीवन

कमल रानी वरुण का जन्म लखनऊ में 3 मई 1958 को हुआ था। कमल रानी ने राजनीति जीवन की शुरुआत 1977 से हुई। 1977 से राजनीति की शुरुआत की। उन्होंने आरएसएस(RSS) से जुड़ कर समाज सेवा की शुरूआत की। उन्होंने आरएसएस(RSS) द्वारा संचालित सेवा भारती के सेवा केन्द्र में अपना योगदान देना शुरू किया।

उन्हें बीजेपी ने 1989 में पहली बार कानपुर के द्वारिकापुरी वार्ड से टिकट दिया और वो विजयी रहीं। बीजेपी ने उन्हें 996 में घाटमपुर लोकसभा से टिकट दे दिया। कमल रानी ने यहां से जीत हासिल कर पहली बार सांसद बनी। हालांकि 1999 के लोकसभा चुनाव में वो बहुत कम वोटों के अंतर से बीएसपी के प्यारेलाल संखवार से चुनाव हार गई थीं।

कमल रानी की शादी 25 मई 1975 को कानपुर के किशनलाल वरुण से हुई थी। किशनलाल भी आरएसएस(RSS) से जुड़े थें। उनके निधन पर यूपी में एक दिन का राजकीय शोक का ऐलान किया गया है।

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