आजमगढ़ पहुंचे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के लिए मिलने वाले निमंत्रण को लेकर बड़ी बेतुकी बात कही। शपथ ग्रहण समारोह में जाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि पहले तो हमें बुलाएंगे नहीं, बुलाएंगे तब भी नहीं जाऊंगा।

विधानसभा चुनाव के ठीक बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ के दौरे पर पहुंचे। वे सबसे पहले पूर्व मंत्री बलराम यादव के आवास पर पहुंचे और घंटों बातचीत की। इसके बाद वह नगर के हर्रा की चुंगी मोहल्ले में स्थित सदर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव के आवास पर पहुंचे। और पार्टी के पदाधिकारियों से लम्बी वार्ता के साथ एमएलसी चुनाव जीतने पर भी रणनीति बनाई। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के चुनाव पर कोई चर्चा न हो इसके लिए कश्मीर फाइल्स को बीजेपी लेकर आई है।

उन्होंने कहा कि आजमगढ़ या करहल छोड़ने से पहले जो पार्टी के हित में होगा वे करेगें। उन्होंने कहा कि योगी सरकार 2.0 से अपेक्षा है कि वह केवल झूठ न बोले. इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में हुई हार पर उन्होंने पहली बार ईवीएम पर अपना रुख नरम किया तो प्रशासन पर इसका आरोप मढ़ा। उन्होंने कहा कि बीजेपी जाति के नाम पर टिकट दे तो सोशल इंजीनियरिंग और सपा दे तो जातिवादी। अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव में सपा की सीटें बढ़ी है। वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। आने वाले समय में समाजवादी पार्टी और गठबंधन मिलकर भारतीय जनता पार्टी को और नीचे ले जाएंगे। बहुमत से दूर रहने के कारण अलग-अलग है, इसकी समीक्षा हुई है लेकन उत्तर प्रदेश के चुनाव पर कोई बहस न हो इसके लिए वे कश्मीर फाइल्स लेकर आ गये इसीलिए लेकर आ गये कि उत्तर प्रदेश चुनाव में जो-जो हुआ है उस पर बहस और समीक्षा न हो क्योंकि जनभावना कुछ और थी, जनता कुछ और सोच रही थी लेकिन परिणाम कुछ और आया. उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स में जो रुपया इकठ्ठा हुआ है, जो इतने बड़े पैमाने पर फिल्म देखी जा रही है, कम से कम उसके मुनाफे से जो कश्मीरी लोग विस्थापित है उनपर खर्च करना चाहिए।

चुनाव में लगाया धांधली का आरोप
अखिलेश यादव ने कहा कि ईवीएम पर बहस इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि अब समय नहीं है लेकिन जिस तरह से प्रशासन ने किया है, आप जगह-जगह पूछिए। अगर हम कहेगें तो बीजेपी बोलेगी कि सपा चुनाव हार गयी है इसलिए आरोप लगा रही है, लेकिन बहुत सारे स्थानों पर कांउंटिग रोक दी गयी, अखबारो में भी पढ़ने को मिला। अखिलेश यादव ने वाराणसी के उत्तरी विधानसभा का उदाहरण भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वीडियों रिकार्डिंग व आडियो रिकार्डिंग आयी है, जिसे बहुत से लोगों ने सुना भी है कि उन्हें प्रमुख सचिव से कहना पड़ा तो कुछ परिणाम बदले। वे जैसा चाहते थे वैसा परिणाम आया।

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नई सरकार को याद दिलाई जिम्मेदारी
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव समाप्त होते ही डीजल भी महंगा हो गया। नीति आयोग ने भी फैसला सुना दिया कि आपका प्रदेश कहा स्टैंड करता है। ये नई सरकार की जिम्मेदारी होगी। जाति के हिसाब से पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी करने के सवाल पर उन्होने कहा कि भाजपा अगर जाति के हिसाब से सूची जारी करें तो सोशल इंजीनियरिंग और सपा जारी करे तो कहेगें जातिवादी लोग है। भाजपा को खुद अपने सीटों के प्रत्याशियों की गिनती कर इसको बताना चाहिए. यही नहीं कई जगह सुनने में आया है कि जहां माफिया लोगों को जीताना है वहां भाजपा ने अपने प्रत्याशियों को ही नहीं लड़ाया।

बसपा पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव में बसपा क्या कर रही थी? बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का सपना क्या था? उनका सपना था देश लोकतंत्र से चलेगा लेकिन उन्होंने क्या किया? सुनने में आ रहा है कि अदंर ही अदंर बहुजन समाज पार्टी ने भाजपा से हाथ मिला लिया। इसलिए समाजवादियों को अब अंबेडकवादियां को साथ लेना पड़ेगा और साथ में जोड़कर एक नई लड़ाई लड़नी पड़ेगी।

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