Uttarakhand: उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी 15 नए शहरों को बसाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उत्तराखंड आवास और नगर विकास परिषद (UDA) के स्तर से पहले ही गढ़वाल में 12 और कुमाऊं में 10 स्थानों का चुनाव कर चुकी है। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से ये 15 शहर तैयार होंगे। बता दें कि ग्रीन टेक्नोलॉजी के तहत 25 प्रतिशत सड़कें बनेंगी। साथ ही सड़क निर्माण में मार्ग को उखाड़कर उसी मैटेरियल को रिसाइकिल कर उसका इस्तेमाल करने का भी निर्णय लिया गया है।

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कहां बसेंगे नए शहर

खबरों की मानें तो गढ़वाल में डोईवाला, छरबा, सहसपुर, आर्केडिया, रोशनाबाद, रुड़की, कोटद्वार के पास, बहादराबाद के पूर्वी क्षेत्र में, गौचर अलकनंदा तट पर, सिमली के दक्षिणी ओर, चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी के पास, भराडीसैंण-गैरसैंण, आदि में नए शहरों को बसाने की योजना है।

इसके अलावा कुमाऊं से गौलापार, नैनी-सैनी के पास, अल्मोड़ा आईटीबीपी कैम्पस, रामनगर के दक्षिणी ओर, रुद्रपुर, काशीपुर, जसपुर, सितारगंज, और बाजपुर की जगह चिह्नित की गई हैं। इन स्थानों को मास्टरप्लान बनाते हुए, यहां, बिजली, पानी, सड़क जैसी कई शुरुआती सुविधाएं दी जाएंगी। जब लोग यहां बसने लगेंगे तब यहां के मौजूदा शहरों से दबाव कम होगा।

मसूरी के चिंतन शिविर में तय रोड को मिली कैबिनेट की सहमति

कैबिनेट ने मसूरी में आयोजित हुए चिंतन शिविर में तय रोडमैप पर सहमति जताई है। सभी विभागों को इस कार्ययोजना के तहत आगे बढ़ने और मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

मसूरी में आयोजित हुआ था तीन दिवसीय चिंतन शिविर

बता दें कि सरकार ने राज्य के विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए मसूरी में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया था। इस मंथन के आधार पर सभी विभागों द्वारा रोडमैप तैयार किया गया था। इसके लिए बिंदू तय किए गए थे और उन्हें कैबिनेट में रखा गया था। जिन्हें अब कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस चिंतन शिविर में लिए गए निर्णय के लिए अब किसी भी मामले को कैबिनेट में पेश नहीं करना होगा।

इस शिविर में लिए गए निर्णय

बता दें कि इस शिविर में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। जैसे- सहकारिता व मंडी परिषद के जरिए मोटे अनाज की खरीद, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का निर्णय, ट्रेकिंग की अनुमति को सिंगल विंडो सिस्टम, बजट के खर्च को सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा शहर से बाहर बने हुए रिजॉर्ट्स से भी संपत्ति टैक्स लिया जाएगा, मई तक जिला योजना अनुमोदित न होने पर बजट में 10 प्रतिशत की कटौती, राज्य में बढ़ते कचरे की समस्या के लिए ई वेस्ट नीति। साथ ही निजी नर्सरी को बढ़ावा देना। राज्य में ड्रोन स्कूलों की स्थापना करना, उच्च शिक्षा में निवेश बढ़ाने की नई नीति, सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए एक्सपर्ट ग्रुप, मालिन बस्तियों की समस्या के समाधान को हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर देना। इसके साथ ही निकायों में एसडीएम डीडीओ को ईओ का प्रभार सौंपा जायेगा और सड़क दुर्घटनाओं की सभी मजिस्ट्रेट द्वारा को गई जांच पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी।

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