Ganesh Chaturthi 2022: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। पूरे साल से बप्पा के आने का इंतजार सभी भक्तों को रहता है। इस पर्व में सभी अपने घरों में बप्पा को स्थापित करते हैं। बड़ी बड़ी झाकियां निकलते हैं। ढोल नगाड़े बजाकर उनका स्वागत करते हैं। इसके साथ साथ मोदक मिष्ठान का भोग लगाते हैं। भगवान गणेश की भक्ति में सब लीन हो जाते हैं। ये पर्व पूरे दस दिनों का होता है। इसमें गणेश जी की सभी विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इन 10 दिनों के पूजा के उपरांत भगवान का विसर्जन किया जाता है। फिर सब लोग भगवान गणेश के जल्द आने की कामना फिर से करते हैं। तो आइए आज इस आर्टिकल में भगवान गणेश के बारे में कुछ ऐसे रोचक तथ्य जानते हैं जिससे आप अंजान होंगे। तो आइए जानते हैं क्या है वो खास बात।

दुर्वा चढ़ाए जाने वाले एकमात्र भगवान

देवी देवताओं को अपने सामर्थ्य अनुसार अलग-अलग चीजें अर्पित की जाती है। आपको बता दें, भगवान गणेश इकलौते ऐसे देवता हैं जिनको दुर्वा अर्पित किया जाता है। इसके लिए एक पुराना कहानी है। कहा जाता है एक अगलासुर नामक राक्षस था जो सभी ऋषि मुनि एवं संतों को जीवित निगल जाता था। इसमें भगवान गणेश ने उस राक्षस को ही जीवित निगल गए। इसके बाद उनके पेट में बहुत ज्यादा जलन होने लग गई। इस दौरान ऋषि कश्यप ने उन्हें औषधि के रूप में दुर्वा चढ़ाई थी। इसके बाद ही गणेश जी शांत हुए थे। तब से लेकर आज तक उन्हे दुर्वा चढ़ाने की प्रथा जारी है।

लिखने में है विशेष दक्षता प्राप्त

भगवान गणेश को विद्वान माना जाता है। भगवान लिखने में बेहद कुशल हैं। इसका मान्यता है जब वेदव्यास महाभारत लिख रहे थे तब उन्हे एक व्यक्ति की तलाश थी जो बिना रुके महाभारत की पूरी कथा लिख सके। इस समय वेदव्यास जी की भगवान गणेश मिले थे।

मूषक के विषय में

ये बात सभी लोगों को पता है की मूषक भगवान गणेश की सवारी हैं। क्या आपको पता है? मूषक एक राक्षस है। जी हां, भगवान गणेश ने एक बार एक मूषक को राक्षस बना दिया था लेकिन उसने बहुत प्राथना और तपस्या भगवान गणेश से की, इसके बाद उन्होंने उसे अपना सवारी बना लिया। तब से वो भगवान गणेश का मूषकराज कहलाने लगा।

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मोदक के साथ लाल सिंदूर का चढ़ावा

भगवान गणेश को मोदक अत्यंत प्रिय है। इसके बाद उन्हें लाल सिंदूर से भी अधिक स्नेह है। कहा जाता है भगवान गणेश का पूजा मोदक एवं लाल सिंदूर के बिना अधूरा है। इसलिए उन्हें इसका भोग जरूर ही लगता है। इसके अलावा कहा जाता है मोदक एवं लाल सिंदूर के साथ भगवान की सच्चे मन से पूजा की जाएं एवं कुछ मनोकामना मांगी जाए तो भगवान उसे पूर्ण कर देते हैं।

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मेरा नाम श्रीया श्री है। मैं पत्रकारिता अंतिम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे लिखना बेहद पसंद है। फिलहाल मैं डीएनपी न्यूज नेटवर्क में कंटेंट राइटर हूं। मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता है और इसलिए मैं हेल्थ पर आर्टिकल्स लिखती हूं। इसके अलावा मैं धर्म, लाइफस्टाइल, एस्ट्रोलॉजी और एजुकेशन के विषय में भी आर्टिकल लिखती हूं।

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