Mahabharat: महाभारत काल में अर्जुन और सुभद्रा की प्रेम विवाह का वर्णन किया गया है। कृष्ण की बहन सुभद्रा अर्जुन से प्रेम करती थी। और श्रीकृष्ण भी अपनी बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन के साथ संपन्न कराना चाहते थे। श्री कृष्ण के कहने पर ही उन दोनों का विवाह संपन्न हुआ। लेकिन अर्जुन पहले से ही द्रौपदी, उलोपी चित्रगंदा के पति थे। इसके बाद अर्जुन श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा को देखकर मोहित हो गए और भगवान श्री कृष्ण की सहायता से ही दोनों का विवाह संपन्न हुआ। जानते हैं कि सुभद्रा और अर्जुन की प्रेम कथा के साथ-साथ विवाह के बारे में क्या बताया गया है।
सुभद्रा और अर्जुन का प्रेम विवाह
पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण के बुलाने पर जब अर्जुन द्वारिका आए थे तो अर्जुन श्री कृष्ण की बुआ कुंती के बेटे थे। उन दोनों के बीच ही एक घनिष्ठ रिश्ता था। लेकिन जब अर्जुन द्वारिका पहुंचे तो उन्होंने श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा को देखा और फिर मोहित हो गए। अर्जुन इस बात को जानते थे कि सुभद्रा से उनका विवाह संभव नहीं है लेकिन श्रीकृष्ण ने दोनों के विवाह का प्रस्ताव दिया और अर्जुन को इस बात पर यकीन नहीं हुआ। क्योंकि श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम सुभद्रा का विवाह दुर्योधन से करवाना चाहते थे। श्री कृष्ण इस विवाह के खिलाफ थे।
विवाह करने के लिए सुभद्रा का किया अपहरण
श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि अगर सुभद्रा से विवाह करना है तो उसका अपहरण करना होगा। श्री कृष्ण के कहे अनुसार ही अर्जुन सुभद्रा का अपहरण करने गए। उन्होंने अर्जुन को बताया कि सुभद्रा से विवाह करने के लिए उसे रैवदर पर्वत से भगा कर ले जाना होगा। लेकिन जब यह बात बलराम को पता चली तो वह काफी क्रोधित हो गए और उन्होंने सैनिकों के साथ अर्जुन को रोकने की कोशिश की, जिसमें वह असफल रहे। इसके बाद अर्जुन ने सुभद्रा से गंधर्व विवाह कर लिया और अपने नगर आए।
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