सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म का सबसे पावन स्थल माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण चंद्र देव सोमराज ने किया था और सबसे बड़े वेद ऋग्वेद में इसका सारा उल्लेख देखने को मिलता है। नरेंद्र मोदी द्वारा सोमनाथ मंदिर का एक नई तरीके से उद्घाटन किया जाएगा।नरेंद्र मोदी सोमनाथ मंदिर के अलग-अलग परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और सब को वहां की परंपराओं से अवगत कराएंगे। गुजरात के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मंदिर की कहानी अलग-अलग परिदृश्य पर आधारित है। वैसे तो सोमनाथ मंदिर बहुत पुराना है लेकिन एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ये फिर चर्चा में आ गया है। मुगल साम्राज्य के शासक औरंगजेब के शासन में इस मंदिर को दो बार तोड़ा गया था। औरंगजेब ने इस मंदिर के लिए बहुत दरिद्रता दिखाई थी। औरंगजेब को उस मंदिर की पूजा अर्चना करने वाले लोग सहन नहीं हुए। जब उसने देखा कि वहां मंदिर को तोड़ने के बाद भी लोग उसकी पूजा करने आते हैं तो उसने वहां पर हंगामा कर दिया और लूटपाट करवाया। इस मंदिर को दोबारा सन् 1950 में भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के द्वारा बनवाया गया था। 

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सल्तनत काल के शासक महमूद गजनवी ने भी इस मंदिर पर बुरी तरह प्रहार किया। उन्होंने इस मंदिर की सारी संपत्ति नष्ट कर दी। महमूद गजनवी ने अपने कई साथियों के साथ मिलकर इस मंदिर पर आक्रमण किया और इस मंदिर की रक्षा करने में कई लोगों ने अपनी जान गवा दी। कुछ लोग वहां पर दर्शन करने आए थे और उस समय आक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा दी। सोमनाथ मंदिर को कई शासकों द्वारा कई बार तोड़ा गया और उसके बाद इस मंदिर का निर्माण किया गया यह मंदिर पुनर्निर्माण की प्रक्रिया पर आधारित है। इस मंदिर पर लगभग 6 बार हमले किए गए लेकिन फिर भी भक्तों की आराधना कम नहीं हुई। उनकी भक्ति में कोई कमी नहीं अाई। वह लोग पहले की तरह ही मंदिर दर्शन करने और पूजा अर्चना करने आया करते थे।

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