Pitru Paksha 2021:पितृ पक्ष की शुरुवात यानि श्राद्ध की शुरुवात हो जाना। इन दिनों पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती हैं। यदि पितृ दोष दूर करना हो तो इस कार्य के लिए यह समय सबसे अच्छा माना जाता है।ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में किए गए तर्पण से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार, श्राद्ध के अनुष्ठानों का पूरे विधि विधान से पालन करना चाहिए। अनुष्ठान के दौरान इन पांच बातों का अवश्य ध्यान रखें।

मान्यतानुसार पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज किसी न किसी रूप में हमारे पास अवश्य आते है। वो आपके पास किसी भी रूप में आ सकते है। इसलिए अपने आस पास आने वाले किसी भी जानवर, पक्षी और कीड़े को चोट न पहुंचाए और साथ ही अनादर करने से भी बचें।

पितृ पक्ष के दौरान कोई भी नई चीज खरीदने और प्रयोग करने से भी बचें। ऐसे समय में कोई भी मांगलिक में न जाएं और नया कार्य शुरू करने से भी बचें।इस दौरान अगर कोई शुभ समाचार मिलता भी है तो इसका जश्न पितृपक्ष खत्म होने के बाद मनाना चाहिए।

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इस अवधि के दौरान अपने घर के बाहर खाना पानी अवश्य रखें। बेघर लोगों, जानवरों, पक्षियों और कीड़ों को अपनी भूख-प्यास मिटाने में आसानी होगी। इन दिनों आपको सभी की मदद अपनी क्षमता अनुसार जरूर करनी चाहिए।पितृपक्ष के दौरान ये कार्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

पितृ पक्ष के दौरान जो व्यक्ति अनुष्ठान कर रहा है या विशेष रूप से तर्पण कर रहा है। उस व्यक्ति को चना, मसूर, जीरा, काला नमक, लौकी, सरसों, खीरा और मांस के सेवन से बचना चाहिए।

तर्पण करते समय काले तिल का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए उनका पसंदीदा भोजन तैयार करें और इसे ब्राह्मण, कौवा, गाय और कुत्ते को खिलाएं।

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