मथुरा की सर्वश्रेष्ठ जीएलए यूनिवर्सिटी ने एक और शानदार कदम आगे बढ़ाते हुए फरीदाबाद के आकृति डिजाइन के साथ एमओयू साइन किया है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की ओर ये सराहनीय कदम है। विद्यार्थियों को उद्योग जगत की जरूरत के मुताबिक करने और नए अनुसंधान के अवसर प्राप्त करने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा और आकृति डिजाइन, फरीदाबाद ने हाथ मिलाया है। एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग यानी एमओयू के तहत अब ये दोनों आपस में मिलकर छात्रों को उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा, औद्योगिक कौशल आधारित अनुसंधान, छात्र प्रशिक्षण यानी ट्रेनिंग, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के संबंध में कार्यशालाओं के माध्यम से जानकारी और नए अनुसंधान के अवसर छात्रों के लिए प्राप्त करेंगे। वैसे देखा जाए तो विद्यार्थियों को विद्याध्ययन के साथ-साथ अनुशासन और बहुआयामी कार्यकलापों के निस्पादन की भी जरूरत पड़ती है और इसमें शिक्षण संस्थानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। ऐसे ही शिक्षण संस्थानों में जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा का नाम उच्च स्तर पर है। इस विश्वविद्यालय ने शिक्षण और प्लेसमेंट के मामले में अपनी सर्वोच्चता साबित कर कई उपाधियां हासिल की हैं

5 साल में रचेंगे कई इतिहास

जीएलए यूनिवर्सिटी के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह और आकृति डिजाइन के बिजनेस हैड अमित सिंह के बीच एमओयू साइन होने के बाद ये तय हो गया की दोनों मिलकर पांच साल तक काम करेंगे और कई नए आयाम लिखेंगे। विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल ने बताया कि, औद्योगिक कौशल आधारित अनुसंधान छात्र प्रशिक्षण, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग आईआईओटी और थ्रीडी प्रिंटिंग समेत कई क्षेत्रों में बीटेक-एमटेक मैकेनिकल के छात्रों को इससे फायदा होगा यानी अनुसंधान और मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया में रिसर्च के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा छात्रों को आकृति के जरिए समय-समय पर कार्यशालाएं, सेमिनार, अतिथि व्याख्यान इंडस्ट्रियल विजिट में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा मतलब विद्यार्थियों को इससे बहुत फायदा होगा। क्योंकि, विजिट के जरिए छात्र फरीदाबाद स्थित आकृति डिजाइन में रेपिड प्रोटोटाइपिंग, प्लास्टिक मोल्ड निर्माण और थ्रीडी प्रिंटिंग के उत्पादों के बारे में बेहतर तरीके से जान सकेंगे। इसके साथ ही उत्पादन और अनेक मशीनों पर नए अविष्कार हेतु वहां के विशेषज्ञों से जानकारी ले पाएंगे।

छात्रों के लिए सीखने को बहुत कुछ

आकृति डिजाइन के बिजनेस हेड अमित सिंह ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों की प्रशंसा की। अमित सिंह ने विद्यार्थियों द्वारा किए जा रहे नए अनुसंधानों की सराहना करते हुए कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय और आकृति डिजाइन के बीच एमओयू साइन होना छात्रों के लिए अनुसंधान और कई तरह की मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। आकृति डिजाइन के विशेष विशेषज्ञ जीएलए यूनिवर्सिटी में छात्रों को मशीन डिजाइनिंग से लेकर इंजीनियरिंग से जुड़े कई प्रोटोटाइपिंग के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। एसोसिएट डीन एकेडमिक कोलॉबोरेशन प्रो. दिलीप कुमार शर्मा ने बताया कि, इस एमओयू से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को कई प्रोजेक्ट पर काम करने के अवसर मिलेंगे। एसोसिएट डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने कहा कि, विश्वविद्यालय कौशल विकास कार्यक्रम पर विशेष ध्यान दे रहा है। आपको बता दें मैकेनिकल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर पंकज सोनिया ने आकृति डिजाइन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और मेटल 3D प्रिंटिंग पर आधारित प्रोजेक्ट की आगामी योजना तैयार कर ली है।

जिंदगी बनाने का शानदार विकल्प

जीएलए यूनिवर्सिटी और आकृति डिजाइन के बीच एमओयू बेहतरीन शिक्षा के लिए अहम समझौता है। विश्वविद्यालय अपने सभी पाठ्यक्रमों और संवर्गों में शामिल विद्यार्थियों की प्रत्येक छोटी-बड़ी जरूरतों का पूरा ख्याल रखता है। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा दिलाने के लिए आकृति डिजाइन से हाथ मिलाया है जिससे कि, विद्यार्थियों को आसानी से ऊंचाइयों पर पहुंचने का लक्ष्य हासिल हो सके। रोजगार की बात करें तो, जीएलए विश्वविद्यालय हर साल अपने ही प्लेसमेंट रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नया इतिहास लिख रहा है। विश्वविद्यालय में हर साल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने कैंपस प्लेसमेंट कर हजारों छात्रों को रोजगार दिया है। विश्वविद्यालय के पास वो सारी सुविधाएं एवं मशीनरी उपलब्ध है जो किसी उच्च दर्जे की यूनिवर्सिटी के लिए आवश्यक होती है और एक एक नई दोस्ती छात्रों के भविष्य के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होगी।

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