सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के हर कोने में कोरोना को मात देने के लिए अलग अलग प्रयोग किए जा रहे हैं। वैक्सीन का अविष्कार तो कर लिया गया है लेकिन उसे और कैसे प्रभावी बनाया जाए उसपर तरह तरह के ट्रायल चल रहे हैं।अब इस बीच इंगलैंड के ईस्ट यॉर्कशायर में अलग अलग ब्रांड की दो वैक्सीन लगा कर परीक्षण किया जा रहा है जिससे ये तय किया जा सके कि दो अलग अलग ब्रांड की वैक्सीन लगाने से भी कोरोना को हराया जा सकता है इससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। 
 
इस परिक्षण के लिए युवा लोग सामने आ रहे हैं, इनमें से ही एक वॉलिंटियर है मेलानी विकरमैन जो इस खास तरह के परिक्षण के लिए सामने आए हैं ईस्ट यॉर्कशायर के कैसल हिल अस्पताल में मेलानी विकरमैन ने अपने इम्यून सिस्टम की क्षमता को जानने के लिए ब्लड टेस्ट कराया है ताकी ये पता लगाया जा सके कि दो अलग अलग टीकों का मिश्रण उनकी रक्षा कैसे करेगा। वहीं डॉक्टर्स का भी कहना है कि अगर भविष्य में टीके की कमी होती है तो इस तरह की वैक्सीन लगा कर खतरे से बचा जा सकता है। 


आपको बता दें कि इस परिक्षण के लिए देश भर में लगभग 1,000 वॉलिंटियर को वैक्सीन की एक अलग निर्माता की दूसरी खुराक प्राप्त करने के लिए चुना गया था।  इनमें से मेलानी विकरमैन का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि परीक्षण से देश की रक्षा करने में मदद मिलेगी।जानकारी के मुताबिक सभी वॉलिंटियर की उम्र 50 से अधिक है और उनका पहला टीकाकरण आठ से 12 सप्ताह पहले हुआ था।

फाइजर, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्न और नोवावैक्स जैसे अलग अलग 8 तरह के टीकों को मिलाकर वॉलिंटियर पर परिक्षण किया जा रहा है|हालंकि वॉलिंटियर को यह नहीं पता कि उन्हें कौन से टीके मिल रहे हैं। 

वहीं डॉक्टर रक्त के नमूनों का विश्लेषण कर रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके कि टीकों के मिश्रण से वॉलिंटियर के एंटीबॉडी स्तर स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ा है। अध्ययन के परिणाम अगले कुछ महीनों में जारी किए जा सकते हैं



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