कोरोना के कोहराम के बाद अब बारी कोरोना के खात्मे की है। वैक्सीन तैयार है बस कुछ और समय का इंतजार है उसके बाद कोरोना का खात्मा लगभग तय है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि उन्हें वैक्सीन की पहली खेप जल्दी ही मिल सकती है और इसे प्राप्त करने के लिए वह तैयार रहें। मंत्रालय ने एक पत्र में कहा कि आपूर्तिकर्ता टीके की आपूर्ति 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के केंद्रों पर करेगा। इनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। बाकी 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीका उनके संबंधित सरकारी चिकित्सा भंडारण डिपो से मिलेगा।
टीकाकरण का प्लान तैयार
एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा पहले फेज में 13 लाख लोगों के प्रतिदिन टीकाकरण के लक्ष्य से कोविड-19 को तेजी से रोका जा सकेगा। भारत अगले हफ़्तों में टीकाकरण के प्रोग्राम को देशभर में शुरू करने वाला है, चूंकि ड्रग रिलेटेड सरकारी रेगुलेटरीज ने सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है। इसके अलावा DCGI ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भी बीते दिनों मंजूरी दे दी है। देश में कोरोना का टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने से पहले 8 जनवरी को पूरे देश में ड्राई रन किया जाएगा। इससे पहले, 2 जनवरी को पूरे देश में टीकाकरण का ड्राई रन किया गया था। इससे पहले आंशिक तौर पर पहला ड्राई रन 28-29 दिसंबर को देश के 4 राज्यों में अलग-अलग जगहों पर किया गया था गुजरात, पंजाब, असम और आंध्र प्रदेश में ड्राई रन को लेकर अच्छे रिजल्ट सामने आए थे, इसके बाद सरकार ने पूरे देश में ड्राई रन को लागू करने का फैसला किया था। एकबार फिर केंद्र सरकार पूरे देश में ड्राई रन करने जा रही है।
केंद्र सरकार की अपील
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि टीके की आपूर्ति को प्राप्त करने के लिए पहले से ही तैयारी रखें। पत्र में कहा गया है कि टीके का जिलों में वितरण पंजीकृत लाभार्थियों के मुताबिक होगा, जिसके लिए जल्दी अलग से एक पत्र भेजा जाएगा। गौरतलब है कि देश के औषधि नियंत्रक ने रविवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और देश में ही विकसित की गई भारत बायोटेक कंपनी की कोवैक्सीन को आपात स्थिति में सीमित इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी थी।