कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन कोरोना की कहर थोड़ा कम जरुर हुआ है। लोग डरे हुए हैं क्योंकि तीसरी लहर के आने की संभावना लगातार जताई जा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक दावे ने टेंशन बढ़ा दी है। साथ ही रोजाना 100 से अधिक मामले वाले जिलों में भी कमी आई है। 1 जून को देश में 279 जिले ऐसे थे जहां पर रोजाना 100 से अधिक केस दर्ज होते थे, लेकिन अब यह घटकर 57 जिलों तक सिमट गया है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अभी वर्तमान में 57 जिलों में ही रोजाना कोरोना के 100 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 222 जिलों में मामलों की संख्या में कमी आई है। सीमित क्षेत्र में ही केस के मामले बढ़ रहे हैं।

केरल के जिलों में कोरोना का खौफ

अब आपको बताते हैं कोरोना का खतरा कहां-कहां सबसे ज्यादा मंडरा रहा है स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केरल के 10 जिलों समेत 18 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना मामलों में बढ़ोतरी का रुझान देखा जा रहा है। इन 18 जिलों में 47.5% मामले हैं। उन्होंने कहा कि 44 जिले ऐसे हैं जहां मामले की पॉजिटिविटी रेट 10% से अधिक है। ये जिले केरल, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में हैं। केरल में 10 जिले तो महाराष्ट्र में 3 और मणिपुर में 2 जिले हैं। अगर वैक्सीनेशन की बात करें तो देश में अब तक कुल 47.85 करोड़ डोज दी गईं, जिसमें 37.26 करोड़ पहला डोज और 10.59 करोड़ दूसरा डोज शामिल हैं।

कोरोना महामारी का R कनेक्शन

देश में कोविड-19 का रिप्रोडक्टिव नंबर या R आठ राज्यों में 1 से ज्यादा है। R इस बात का संकेत देता है कि कोरोना महमारी कितनी तेजी के साथ फैल रही है। R की वैल्यू 1 से ज्यादा होने का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन एक से ज्यादा व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है। इससे मामलों में बढ़ोतरी होती है। आठ राज्यों में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अभी भारत में दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं और महामारी खत्म होने से कहीं दूर है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अग्रवाल ने कहा कि R की संख्या भारत के आठ राज्यों में ज्यादा है। उन्होंने बताया कि जहां भी यह संख्या एक से ज्यादा है, इसका मतलब है कि केस बढ़ रहे हैं और इसे काबू में करने की जरूरत है। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और भारत में R औसतन 1.2 बना हुआ है। R की संख्या जून के आखिरी हफ्ते तक घट रही थी, लेकिन उसके बाद की अवधि, 20 जून और 7 जुलाई के बीच इसमें बढ़ोतरी देखी गई। शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किए गए विश्लेषण में दिखा कि इस अवधि के दौरान देश में R की वैल्यू 0.88 पर थी। 15 मई और 26 जून के बीच यह 0.78 पर रही थी।

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